राहुल जी आ गए है
राहुल जी आ गए हैं । मम्मी का फ़ोन गया था । बेटा ! यहाँ उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आ पड़ी हैं । ये विपक्ष वाले हल्ला मचा रहे हैं कि तुम कहाँ हो । ऐसा है , अगले साल चुनाव हैं । इनके नेता तो वहाँ पहुँच गए हैं । एक जहाज ले के अपने यात्रियों को अपने स्टेट पहुंचा भी दिया है लेकिन सब कह रहे हैं कि तुम कहाँ हो । इनको पता नहीं किसने बता दिया है कि तुम स्पेन में हो । तुम काहे सबको बता कर जाते हो कि कहाँ जा रहे हो ? अब नुकसान करवा दिया न । अब ऐसा है कि फ़टाफ़ट कोई सी ट्रेन , या अगर ट्रेन न मिले तो जहाज पकड़ कर आ जाओ । यहाँ मैंने पच्चीस ट्रक रसद संभाल कर रखी है ताकि तुम आओ तो पहुँचाओ । सात दिन तो हो गए हैं । उधर जो भी जिन्दा बचकर आ रहा है वो आर्मी का तो धन्यवाद कर रहा है लेकिन हमारी सरकार को गाली दे रहा है । अब ऐसे में तुम और गायब हो । जानते नहीं कि इनका नेता कितना चालाक है । वो वहाँ पहुँच कर कह रहा है कि उसने वहाँ बहुत लोगों की मदद की । और केदारनाथ को ठीक करने का ठेका मांग रहा था । वो तो हमारे दिग्गी ने कह दिया कि तुमसे पहले तो हमारे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने दस करोड़ रुपये देकर केदार नाथ के उद्धार के लिए कह दिया था । और अब हम उस चालाक विपक्षी नेता के द्वारा दिए गए २ करोड़ रूपये पर उसकी टाँग खींच रहे हैं । बड़ा कहता था - गुजरात विकास कर रहा है । अब जब देने की बात आई तो २ करोड़ दिए । गरीब प्रदेश का मालिक । क्या ख़ाक विकास किया है ? खैर , उसको छोडो , रात दिन उसके बारे में ही तो सोचते रहते हैं । नींद हराम कर रखी है उसने । तुम आ जाओ । नहीं तो लोग तुम्हें भूल जायेंगे । ये राशन वितरित हो जाए तो कुछ सांस में सांस आये । इधर , हमारा खाद्यान्न सुरक्षा बिल ये विपक्ष वाले पास नहीं होने दे रहे हैं और उधर हमारी सरकार के इस प्रदेश में लोग इस तबाही में भूखे मर रहे हैं । कोई पत्ती चबा रहा है , कोई लकड़ी चूस रहा है , कोई कच्ची मैगी खा रहा है , दो रुपये की चीज पचास में बिक रही है । आठ माह बाद चुनाव हैं , क्या होगा कैसे होगा बताओ । अब तुम आ जाओ । नहीं तो सब गड़बडा जाएगा । वहाँ हमारी किरकिरी हो रही है । जल्दी आओगे तो कुछ जवाब भी तुम्हें रटने हैं । हर बार तुम्हें मेहनत करानी पड़ती है और तब जाकर तुम कुछ करते हो । जब निर्भया काण्ड था तब भी तुम उत्तराखंड के प्रशासन की तरह एन मौके पर गायब हो गए थे । जब अन्ना आये थे तब तुम ग्यारह दिन बाद निकले थे बाहर । तुम्हें सजाने संवारने में हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है तुम क्या जानो । उनका नेता देखो कैसे फ़टाफ़ट बोल लेता है । अब कुर्ती की बांह तो तुम चढ़ा लेते हो बखूबी , लेकिन यूपी में यह सब काम नहीं आया । अब उत्तराखंड में लोग कुर्ती की बांह चढ़ाए पीड़ित हैं , उनकी कुर्ती की बांह नीचे करो . यहाँ जल्दी आ जाओ । इधर ये मीडिया वाले केदार घाटी तक पहुँच कर बार बार कह रहे हैं कि मैं पहले पहुंचा हमारा चैनल पहले पहुंचा , और चैनल पर लाइन चला रखी है कि राहुल गाँधी कहाँ हैं ? वहाँ चैनल्स में जल्दी पहुँचने की होड़ लगी हैं और इस मौके पर तुम गायब हो । जल्दी नहीं तो कम से कम उत्तराखंड की स्थानीय पुलिस की तरह सातवें दिन तो बाहर निकल आओ बेटा । जल्दी आ जाओ । बड़ी फजीहत हो रही है । और हाँ लोगों से ये कह देना कि मैं स्पेन गया था घूमने । ठीक है । आ जाओ अब ।
राहुल जी आ गए हैं । मम्मी का फ़ोन गया था । बेटा ! यहाँ उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा आ पड़ी हैं । ये विपक्ष वाले हल्ला मचा रहे हैं कि तुम कहाँ हो । ऐसा है , अगले साल चुनाव हैं । इनके नेता तो वहाँ पहुँच गए हैं । एक जहाज ले के अपने यात्रियों को अपने स्टेट पहुंचा भी दिया है लेकिन सब कह रहे हैं कि तुम कहाँ हो । इनको पता नहीं किसने बता दिया है कि तुम स्पेन में हो । तुम काहे सबको बता कर जाते हो कि कहाँ जा रहे हो ? अब नुकसान करवा दिया न । अब ऐसा है कि फ़टाफ़ट कोई सी ट्रेन , या अगर ट्रेन न मिले तो जहाज पकड़ कर आ जाओ । यहाँ मैंने पच्चीस ट्रक रसद संभाल कर रखी है ताकि तुम आओ तो पहुँचाओ । सात दिन तो हो गए हैं । उधर जो भी जिन्दा बचकर आ रहा है वो आर्मी का तो धन्यवाद कर रहा है लेकिन हमारी सरकार को गाली दे रहा है । अब ऐसे में तुम और गायब हो । जानते नहीं कि इनका नेता कितना चालाक है । वो वहाँ पहुँच कर कह रहा है कि उसने वहाँ बहुत लोगों की मदद की । और केदारनाथ को ठीक करने का ठेका मांग रहा था । वो तो हमारे दिग्गी ने कह दिया कि तुमसे पहले तो हमारे महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने दस करोड़ रुपये देकर केदार नाथ के उद्धार के लिए कह दिया था । और अब हम उस चालाक विपक्षी नेता के द्वारा दिए गए २ करोड़ रूपये पर उसकी टाँग खींच रहे हैं । बड़ा कहता था - गुजरात विकास कर रहा है । अब जब देने की बात आई तो २ करोड़ दिए । गरीब प्रदेश का मालिक । क्या ख़ाक विकास किया है ? खैर , उसको छोडो , रात दिन उसके बारे में ही तो सोचते रहते हैं । नींद हराम कर रखी है उसने । तुम आ जाओ । नहीं तो लोग तुम्हें भूल जायेंगे । ये राशन वितरित हो जाए तो कुछ सांस में सांस आये । इधर , हमारा खाद्यान्न सुरक्षा बिल ये विपक्ष वाले पास नहीं होने दे रहे हैं और उधर हमारी सरकार के इस प्रदेश में लोग इस तबाही में भूखे मर रहे हैं । कोई पत्ती चबा रहा है , कोई लकड़ी चूस रहा है , कोई कच्ची मैगी खा रहा है , दो रुपये की चीज पचास में बिक रही है । आठ माह बाद चुनाव हैं , क्या होगा कैसे होगा बताओ । अब तुम आ जाओ । नहीं तो सब गड़बडा जाएगा । वहाँ हमारी किरकिरी हो रही है । जल्दी आओगे तो कुछ जवाब भी तुम्हें रटने हैं । हर बार तुम्हें मेहनत करानी पड़ती है और तब जाकर तुम कुछ करते हो । जब निर्भया काण्ड था तब भी तुम उत्तराखंड के प्रशासन की तरह एन मौके पर गायब हो गए थे । जब अन्ना आये थे तब तुम ग्यारह दिन बाद निकले थे बाहर । तुम्हें सजाने संवारने में हमें कितनी मेहनत करनी पड़ती है तुम क्या जानो । उनका नेता देखो कैसे फ़टाफ़ट बोल लेता है । अब कुर्ती की बांह तो तुम चढ़ा लेते हो बखूबी , लेकिन यूपी में यह सब काम नहीं आया । अब उत्तराखंड में लोग कुर्ती की बांह चढ़ाए पीड़ित हैं , उनकी कुर्ती की बांह नीचे करो . यहाँ जल्दी आ जाओ । इधर ये मीडिया वाले केदार घाटी तक पहुँच कर बार बार कह रहे हैं कि मैं पहले पहुंचा हमारा चैनल पहले पहुंचा , और चैनल पर लाइन चला रखी है कि राहुल गाँधी कहाँ हैं ? वहाँ चैनल्स में जल्दी पहुँचने की होड़ लगी हैं और इस मौके पर तुम गायब हो । जल्दी नहीं तो कम से कम उत्तराखंड की स्थानीय पुलिस की तरह सातवें दिन तो बाहर निकल आओ बेटा । जल्दी आ जाओ । बड़ी फजीहत हो रही है । और हाँ लोगों से ये कह देना कि मैं स्पेन गया था घूमने । ठीक है । आ जाओ अब ।
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