उत्तराखंड में आयी विनाशकारी आपदा में जाबांज सैनिक जान पर खेलकर सैंकड़ों लोगों की जिंदगियां बचा रहे हैं। उन्होंने किसी का इंतजार नहीं किया ओर बचाव व राहत कार्य में जुट गए। असहाय सरकार भी उन्हीं की भरोसे है। शीर्ष नेता हवाई दौरा करके ही हवा में दर्द समझ रहे हैं उन्हें नहीं पता पीड़ा को समझने के लिये जमीन पर आना होता है। यह लोग भूल जाते हैं कि जनता की वोटों से ही उन्हांेने सत्ता का ताज पहना है। जनता के नेताओं को लेकर जबर्दस्त गुस्सा हैं। यह गुस्सा जायज भी है। हकीकत उन लोगों से पूछिए जिन्हें सैनिकों ने फरिश्तें बनकर बचाया है। यकीनन यदि सैनिक नहीं होते, तो बहुत से लोग जिंदा नहीं होते। वतन व लोगों की हिम्मत आर्मी है। जाबांज सैनिकों को सलाम! जय हिन्द!
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