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23.5.20

संकट में हनुमान चालीसा पढ़ता है ये अंग्रेज पत्रकार! सुनें बातचीत

देश में फेक न्यूज जिस तेजी से चल रही और उस पर कोई रोक नहीं लग रही है वह बहुत ही चिंताजनक है। पिछले दिनों तब्लीगी मरकज को लेकर जिस तरह नकारात्मक खबरें चलाई गई और इसके जरिए उत्तर प्रदेश के एक विधायक ने हिंदू मुस्लिम के बीच नफरत फैलाने की कोशिश की वह बहुत ही गलत है।  ये कहना है दक्षिण एशिया में लंबे समय तक बीबीसी की पहचान रहे वरिष्ठ पत्रकार और लेखक मार्क टली का।

अपने पुराने सहयोगी और बीबीसी पूर्व संवाददाता रामदत्त त्रिपाठी ने मार्क टली से जब इंटरनेट पर उनके नाम से जारी उन लेखों के बारे में पूछा जिसमें दावा किया गया है कि मार्क टली ने अपने लेखों में मोदी सरकार की तारीफ की है और कहा हैं कि मोदी सरकार बहुत अच्छा काम कर रही है।  इस पर मार्क टली कहते हैं “नहीं..नहीं..नहीं..जोकि नकली डिस्पैचेज है मेरे नाम में, वह एकदम नकली है और जिसमें बोला सब अच्छा है और उसमें सोनिया के खिलाफ है, मैं वह डिस्पैच कभी नहीं लिखता मैंने कोशिश की थी, मैंने लीगल लेटर भी भेजा था गूगल को, मैंने सब कुछ किया लेकिन सफलता प्राप्त नहीं किया, उसने (गूगल) ने कोई इंटेस्ट नहीं लिया”।

अपने नाम पर फेक न्यूज चलाने के सवाल पर मार्क टली हंसते हुए कहते हैं कि “फेक न्यूज तो बहुत चल रहा है जितने जोर से फेक न्यूज के खिलाफ चल रहा है उतने ही जोर से फेक न्यूज चल रहा है, उसमें कोई रूकावट नहीं हुआ अभी तक। आप जानता हैं कि कितना फेक न्यूज तब्लीगी मरकज के बारे में चला, कितना गंदा नकली खबर चलाता था और अभी तक आपके यूपी में एक विधायक ने बोला ये मुसलमान सब्जी बेचने वाला अपनी सब्जी में  थूकता करता है,और आपके यूपी में ज्यादा फैलता है”।

मीडिया से लोगों की बढ़ती नाराजगी के सवाल पर मार्क टली कहते हैं कि “मेरा ख्याल हैं कि  कुछ टीवी चैनल है, कोई है, सब नहीं है, जो बिल्कुल सरकार के हाथ में है और लोग उसमें भरोसा नहीं रख सकते है, लेकिन जैसे अखबार में और जैसा कुछ टीवी निष्पक्ष खबर दे रहा है, इसको कोई लोग बोलता है कि आज की मीडिया की हालत वैसी है जैसा इमरजेंसी में है,वह गलत बात है मैं इमरजेंसी में भारत में उपस्थित था, मुझे मालूम है कि उस जमाने में बहुत सख्त सेंसरशिप था आज कोई सेंसरशिप नहीं है कोई नरम सेंसरशिप है,प्रेशर है”। 

वरिष्ठ पत्रकार मार्क टली ने कोरोना और उसके चलते हुए लॉकडाउन को लेकर भी मीडिया स्वराज से बात की। मार्क कहते हैं कि कोरोना के चलते हुए लॉकडाउन में दिल्ली की हवा पूरी तरह साफ हो गई है। वह कहते हैं कि “मौसम साफ हो गया है, हवा साफ हो गया, लेकिन मैंने सुना कि गंगा और जमुना नहीं में पानी साफ है इसके मतलब ये है कि जो कारखाने गंगा के किनारे पर है वह गंदा पानी डालता है गंगा में, इसलिए सरकार को सिर्फ एक कार्रवाई करना चाहिए कि वो सब कारखाना बंद कर देता है और उसको तब खुलने देंगे जब वह देखा सकते है उनसे पॉल्यूशन फीड बंद कर दिया है”।  

मीडिया स्वराज से बातचीत में मार्क टली आगे कहते हैं कि “कानपुर प्रदूषण के लिए एक हॉटस्पॉट है,लेकिन सारे हिंदुस्तान में सरकार कानून पास करते है, आदेश देता है वगैरह वगैरह लेकिन कोई नहीं पालन करता है, जो लोग जिम्मेदारी है वह सब भ्रष्ट है इसलिए जब कारखाना मालिक पैसा देता है तो वह बोला है कि हा हा ठीक है एंटी पॉल्यूशन मेजर लगा दिया आपने यहीं दिखता है कि हिंदुस्तान में करप्शन का।

करीब पांच दशक तक दक्षिण एशिया से लेकर भारत में हर बड़ी घटनाओं के कवर करने वाले और उसके साक्षी रहे मार्क टली वर्तमान में मजबूर मजदूरों के पलायन करने और उनके लगातार हादसे के शिकार होने से व्यथित नजर आते है। वह इसे सरकार और समाज की नाकामी बताते हुए कहते हैं कि इससे पता चलता है कि देश की सरकार और पैसे वाले लोगों की गरीबों के प्रति कोई हमदर्दी नहीं है। वह कहते हैं कि उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के भाषण को भी सुना लेकिन उसमें भी मजदूरों के प्रति कोई हमदर्दी नजर नही आई।    

वह कहते हैं कि उत्तर प्रदेश सरकार प्रवासी मजदूरों को लेकर नाकाम नजर आती है। संकट के समय सरकार ने मदद करने की जगह अचानक से मजदूरों की सुरक्षा में बने नियम बदल दिए।

बातचीत की शुरुआत करते हुए हनुमान भक्त मार्क टली कहते हैं कि वह आज भी संकट के समय संकटमोचक को याद करते है। वह कहते हैं कि अपने पत्रकारिता के करियर के दौरान भी वह मुश्किल के समय हनुमान जी को याद करते थे इसलिए उनको हनुमान चालीसा कंठस्थ है।

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