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21.9.11

आन्नद ही आन्नद :- योजना आयोग ने करोडो भारतीयों को तत्काल अमीर बना दिया.

आन्नद ही आन्नद :- योजना आयोग ने करोडो भारतीयों को तत्काल अमीर बना दिया.  

आप और हम अब अमीर बन गए हैं .हम करोडो भारतीय जो रात को गरीब थे वे सुबह उठते ही अमीर बन गये. मेरी तरह आपको भी अपने ऊपर गर्व महसूस हुआ होगा की  हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली सुरेश तेंदुलकर कमेटी की रिपोर्ट ने हमें अमीर बना दिया ,आम जन अब अमीर बन गया ,अब गरीबी सिर्फ प्रशासन चलाने वाले राज्य और केंद्र के कर्मचारियों या फिर विधान सभा और लोक सभा के सदस्यों में बची है जिसे हजारो के वेतन ,अनेक तरह के भत्ते ,फोकट की सुविधा देकर पूरा किये जाने के अथक प्रयास किये जा रहे हैं ,उनकी गरीबी और आम  भारतीयों की अमीरी  अलग -अलग है आम भारतीय के स्‍वस्‍थ्‍य रहने के लिए 39.70 रुपए पर्याप्‍त हैं। जबकि सरकारी अफसरों के  स्वस्थ रहने के हजारो रूपये महीने का वेतन भी बहुत कम हैं इसीलिए वो बेचारे भ्रष्टाचार का सहारा लेकर जैसे तैसे नैया पार लगा रहे हैं , इतनी दयनीय परिस्थिति में नेता ,अफसर जी रहे हैं फिर भी अन्ना की आँखों में नेताओ की गरीबी क्यों खटक रही है ?


क्या अन्ना नहीं समझ पा रहे हैं की आम  भारतीय  व्‍यक्ति शहर में 32 रुपए और गांव में 26 रुपए प्रति दिन मे खर्चा चला सकते हैं, वो गरीबी रेखा से ऊपर माने जायेंगे।आम  भारतीय  व्‍यक्ति  शिक्षा पर 99 पैसे प्रति दिन खर्च करने की ताकत रखता है क्योंकि स्कुल फीस ,किताबों ,नोटबुक ,पेन और स्याही की कीमत 99 पैसे प्रति दिन की नहीं है ,क्योंकि सरकार आगे से  स्कुल को ही खत्म कर देंगी  .पढ़ लिख कर आम भारतीयों नेताओ के लिए कुरापात (अड़चन ) ही तो पैदा कर रहे हैं  

हमारे प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली कमेटी सुरेश तेंदुलकर कमेटी द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट में कहा गया है कि स्‍वस्‍थ्‍य रहने के लिए 39.70 रुपए पर्याप्‍त हैं। शिक्षा पर 99 पैसे प्रति दिन या 29.60 रुपए प्रति माह का खर्च, 61.30 रुपये प्रति माह में कपड़े, 9.60 रुपए जूते-चप्‍पल और 28.80 पैसे अन्‍य सामान पर खर्च करे तो वो गरीब नहीं कहलायेगा।  जो व्‍यक्ति शहर में 32 रुपए और गांव में 26 रुपए प्रति दिन में खर्चा चला सकते हैं, वो गरीबी रेखा से ऊपर माने जायेंगे। एक दिन में एक आदमी प्रति दिन अगर 5.50 रुपए दाल पर, 1.02 रुपए चावल, रोटी पर, 2.33 रुपए दूध, 1.55 रुपए तेल, 1.95 रुपए साग-सब्‍जी, 44 पैसे फल पर, 70 पैसे चीनी पर, 78 पैसे नमक व मसालों पर, 1.51 पैसे अन्‍य खाद्य पदार्थों पर, 3.75 पैसे ईंधन पर खर्च करे तो वह एक स्‍वस्‍थ्‍य जीवन यापन कर सकता है।

कितनी मेहनत से मेरे देश में बड़े बड़े नेता ,अफसर ,योजना आयोग ,प्रधानमंत्री और समुचित व्यवस्था आंकड़े तैयार करती है .अरबों रुपये खर्च करने से ,दिन रात लगे रहकर  ये लोग हमारी अमीरी के आंकड़े तैयार करने में लगे रहते हैं . ये जानते हैं की आम  भारतीय अब अन्ना बन कर उपवास कर रहे हैं और बारह दिन तो सिर्फ पानी से ही काम चला लेते हैं इन्हें बड़े उपवास की तैयारी के लिए शहर में 32 रुपए और गांव में 26 रुपए प्रति दिन प्रति व्यक्ति की जरुरत भी नहीं होगी ,वित्त मंत्री को चाहिये की आम अमीरों पर नया टैक्स लगाकर ये पैसा भी ले ले ताकि नेताओ के महंगाई भत्ते ,विमान भत्ते ,टेलीफोन भत्ते पर ढंग से खर्च हो सके .

 गरीबी रेखा की नई परिभाषा में सरकार ने कहा कि मुंबई, दिल्‍ली, बेंगलुरु या चेन्‍नई में चार लोगों के परिवार का खर्चा 3,860 रुपए में चल सकता है। बिलकुल सही रिपोर्ट है प्रधान मंत्री जी , अरे! हम आम अमीर शहरों में झुग्गी बस्तियों में,रेलवे स्टेशन पर ,सार्वजनिक पार्कों में ,फुटपाथ पर ही तो  रहते हैं ,हमें काम पर तो जाना नहीं है क्योंकि नौकरियों की योजना आपके पास है नहीं , हमारे बच्चे  भी पढ़कर क्या तौड़ लेगे जब नौकरी मिलनी नहीं है ,हमारे बच्चे जीवन यापन के लिए छोटा मोटा उत्पात करके जेल चले जायेंगे और वहां पर रोटी मिल ही जायेगी .रहा सवाल स्वास्थ्य का तो हम गरीब नेता या सरकारी अफसर तो हैं नहीं जिनकी साधारण बिमारी पर करोडो खर्च आता है ,हम तो कीड़े मकोड़े हैं  अगर मर भी गये तो खर्च हम अमीरों  पर नहीं आयेगा क्योंकि लावारिश लाशें सरकार के सद्प्रयासों से प्रशासन के खर्च से जला दी जाती है . मेरे हिसाब से आम अमीरों पर, जो नेता या सरकारी मातहत नहीं है, उन पर टैक्स ५०००/- वार्षिक आय के बाद लगा ही देना चाहिये ताकि टैक्स की रकम में बढ़ोतरी हो जाए और देश की सेवा करने वाले गरीब नेताओ  पर खर्च किया जा सके .

खास बात यह है कि योजना आयोग ने यह रिपोर्ट सुप्रीम कोर्ट को हलफनामे के तौर पर प्रस्‍तुत की है। इस रिपोर्ट पर खुद प्रधानमंत्री ने हस्‍ताक्षर किये हैं। हमारे देश की प्रगति कितने गुना हुयी है ,आम भारतीय के अमीर हो जाने की गाथा सुप्रीम कोर्ट को मालुम होनी चाहिये जो बेवजह प्रशासन में काम करने वाले गरीब अधिकारीयों  ,गरीब नेताओ को, आदेश दे देती है की आम (अमीर) भारतीयों को फोकट में खाद्यान वितरण कर दिया जाए . 


यह मनमोहन सिंह का अर्थ शास्त्र है ,हमें उनके ज्ञान पर गर्व है ,हमें उनकी द्रष्टि पर गर्व है ,हमें उनके भारत निर्माण पर गर्व है ,हमें सुरेश तेंदुलकर कमेटी द्वारा तैयार की गई इस रिपोर्ट पर गर्व है हमें सोनिया पर गर्व है ,आपने हमें अमीर कहा ,सुप्रीम कोर्ट में भी हमारी कंगाल हालत को अमीरी के जाल से पेश किया इसलिए हम आपके आभारी रहेंगे .आज हम आपके चश्मे पर गर्व  करते हैं जिसके कारण से आपने  आम भारतीयों को अमीरी के नजरिये से महसूस किया,


हम आम अमीर भारतीय प्रार्थना करते है की भारत भाग्य विधाता नेताओ और सरकारी अफसरों की  गरीबी को बरकरार रखे . 

6 comments:

अजित गुप्ता का कोना said...

हम तो यही कहेंगे कि भगवान करे इन सारे नेताओं और अधिकारियों को भी ऐसी ही अमीरी नसीब हो। कितना सुखी हो जाएंगे ये लोग! वास्‍तव में आप सच लिख रहे हैं, भारत तो रातो-रात अमीर मुल्‍कों में शुमार हो गया है। वाह प्रधानमंत्री जी।

रविकर said...

जंगल में चलकर रहो, सूखी टहनी बीन |
चावल दो मुट्ठी भरो, कर लो झट नमकीन |

कर लो झट नमकीन, माड़ से भरो कटोरा |
माड़ - भात परसाय, खिलाऊ छोरी-छोरा |

डब्लू एच ओ जाय, बता दो सब कुछ मंगल |
चार साल के बाद, यही तो होइहैं नक्सल ||

नोट: ऐसी टिप्पणी से यदि परेशानी हो तो डिलीट कर दें ||

Unknown said...

आपका सपना जागरूक भारतीय सच करेंगे . आभार

रविकर said...

http://charchamanch.blogspot.com/

aap ki rachna aaj charcha manch par hai ||

tippani achchhi na lage to ise bhi delit kar den,
nihsankoch ||



aabhaar||

Unknown said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

रविकरजी,आपकी टिप्पणीयाँ सब्जी में चुटकी हिंग है जो जायका बढा देती है .. ....आपका आभार