पिछले कई दिनों से नेट पे नहीं हूँ. हरिद्वार और ऋषिकेश में परिवार समेत घूम घाम रहा हूँ.
आज एक नई समस्या बताई गई कि भड़ास पर लगे गूगल के विज्ञापनों में एरोटिक और अश्लील विज्ञापन भी आने लगें हैं. मुझे एक साथी ने बताया था की इसकी वजह शायद हम लोग जो रोमन में गन्दी गन्दी गालियाँ लिख देते हैं उसको गूगल बाबा अश्लील ब्लॉग समझकर उसी टाईप विज्ञापन परोस देते हैं. खैर, आज जब भड़ास के ऊपर के तीन विज्ञापनों पर नज़र मारी तो मैं वाकई शर्मशार हो गया. मैंने उन विज्ञापनों को तुरंत ऊपर से हटाकर बिल्कुल नीचे कर दिया. गूगल को एक लेटर भी लिखने जा रहा हूँ... बाबा, क्यों बची खुची साख ख़त्म करने पर तुले हो... टाईप का पत्र.
इधर मनीष, रक्षंदा, नए भडासी बलराम जी ने काफ़ी बढ़िया लिखा है. इन सभी साथियों को दिल से बधाई.
डॉ रुपेश जी की पोस्ट के क्या कहने...उनकी सलाह उनकी बात सुनिए समझिए...
उम्मीद है, त्योहारों के इस मौसम को आप लोग भी खूब एन्ज्वाय करेंगे.
शुक्रिया
यशवंत
19.3.08
गूगल बाबा की हरकत
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3 comments:
दादा,लग रहा है कि गूगल बाबा सठिया गये है और लग रहा है कि पिछले सावन में ही अंधरा भी गये हैं इसी लिये सावन के अंधे को सब हरा-हरा ही सूझता है ,इनको ससुरऊ को कैसे गन्दे शब्द मिले चिपकाने के लिये..
जय जय भड़ास
Thank u dada...thank u so much,,aor very very HAPPY HOLI to u n ur family.take care n enjoy ur trip...
khuda hafiz
dada...google baba jo den sb holi ka prsad smjh ke jidhr mn aaye le lo ji...holi bad unch-nich sochenge ji....jay...jay..jay..
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