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18.3.08

सैंया मोहे रंग दे आज ऐसे............


मौसम बहुत नशीला हो चला है..यहाँ हमारे देहरादून में हर तरफ फूल ही फूल खिले हैं..सर्द मौसम दूर जारहा है,,और गुलाबी सा मौसम मुस्कुरा कर सब कोहोली की मुबारक बाद दे रहा है..एक अजीब सी खुशबू चारो ओर बिखरी हुई है,,ज़रा ध्यान से सुनें तो पता है ये मौसम क्या कहता है? कहता है,,दोस्तो,,होली तो हर साल आती है,,वही रंग वही गुलालवही महकते पकवानबडे लोगो की बड़ी होली,,छोटे गरीब लोगो की छोटी होलीएक दुसरे पर रंग लगाया,,थोडी मस्ती कीओर दिन खत्मबाट खत्म..होली खत्म..तो फिर नया क्या है?

कुछ तो नया होकिसी हवाले से तो अहसास हो की नये साल की होली भी नयी हैजब गरीब दुखियारे लोगो की भी बेफिक्री भरी होली हो….जब अमीर लोग सब कुछ भूल कर गरीब की झोंपड़ी में रंग लगाने पहुंचें , जब हिन्दू मुस्लिम इन गुलाबी रंगो में ऐसे जज्ब हो जाएं की हर बाबरी मस्जिद ओर हर गुजरात का ज़ख्म भरता चला जाये….जब हर पुरुष अपनी महिलाओं को इज्ज़त और मुहब्बत का वो रंग लगाएकी कभी किसीमहिला दिवसकी ज़रूरत ही पड़ेजब हमारे देश का आधुनिकता के रंग में पूरी तरह रंगता जारहा युवा वर्ग अधुन्किता के काले रंग को पोंछ कर अपने देश की खोती जारही परम्पराओं के सुनहरे रंगो में ऐसे डूब जाये की अधुन्क्ता रूपी नाग उन्हें डसने से पहले ही अपनी मौत आप मार जायेउनके दिलो में सच्चे प्यार का वो रंग भरा हो की उन्हें कभी किसी एक दिनवैलेंटाइन' डेका दिखावा करना पड़े,,अपने अपने बुजुर्गो के लिए मुहब्बत ओर इज्ज़त का रंग इतना फैला हुआ हो की किसीmothers day किसीfathers day और किसी टीचर्स डे के बहाने से उन्हें याद करने की ज़रूरत बाकी रहे…..क्या हैं ऐसे रंग कहीं? क्या देश के किसी हिस्से में होगी ऐसी होली? पता नहीफिर भी उम्मीदें है कि दामन छोड़ने का नाम नही ले रही,,बहकाती हैं बहलाती हैं सर्गोशियाँ करती हैं,,सब कुछ जानते हुए भी एक दिन सब कुछ बदल जाने की तसल्लियाँ देती हैं,,ऐसे में यही सोच कर हर सच से आँखें चुराने को दिल चाहता है,,की उम्मीद ही जिंदगी के होने की निशानी है , उम्मीद पर ही ये दुनिया कायम है,,तो क्या करें? कर लें एक बार फिर ये उम्मीद और इनके पूरे होने का यकीन?…इस दुआ के साथकी खुदा करे ये होली उन रंगो को लेकर आये जो इंसान की हर कुंठा,,उसके अन्दर की हर घुटन,,सब कुछ पाकर भी कुछ पाने जैसी असंतुष्टि की मानसिकता को पूरी तरह धोकर उसे मुहब्बत प्यार एकता और भाईचारे के खूबसूरत और इतने गहरे रंगो में रंगे कि कयामत तक ये छूट ना पायेंऐसे ही चमकते रहेंसमय के साथ साथ ओर निखरते रहें..(अमीन)

इस दुआ के साथ,,सभी को होली की बहुत बहुत मुबारकबाद

बहुत सारी शुभकामनाएं

भडास के सभी सदस्यों को ढेरों शुभकामनाएं

HAPPY HOLI

7 comments:

Anonymous said...

bahut sunder soch hai. kash yahi hamare jeevan ka sach hota.

सूरज प्रकाश का रचना संसार said...

देहरादून की पोस्‍ट और वो भी होली पर तो मेरा पढ़ना लाजमी है. कितना कुछ तो है जो मुढो याद आता है अपने शहर का. अभी भी सांस सांस में देहरादून ही बसा हुआ है. 10 दिसम्‍र 2007 की रात देहरादून जाना था लेकिन उसी दिन की सड़क दुर्घटना का नतीजा हे कि आज तक बिस्‍तर पर पड़ा हूं.
आपने इस पोस्ट के बहाने मुझो देहराूदन की सैर करा दी.
सूरज प्रकाश

Unknown said...

aapa holi mubark

bahut badhiya chitr hai....

Ankit Mathur said...

अच्छा लिखा है।
आप को भी होली मुबारक!!

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

रक्षंदा आपा,बहुत प्यारा चित्र है और लेखन तो इतना सुन्दर है कि क्या कहूं आपने बड़ी तेजी से लिखना सीख लिया है हिन्दी में इसके लिये साधुवाद स्वीकारिये,भड़ास पर आपको हर रंग मिलेगा सारा का सारा इंद्रधनुष उतर आया है यहां भावनाओं का.... सुम्म आमीन
जय जय भड़ास

गौरव मिश्रा (वाराणसी) said...

kya baat hai clean and green happy holi aapa g

Anonymous said...

HOLI KAA YAH ANDAAJ DIL KO CHHU GAYAA RAKSHANDAA JI.THANKS A LOT.