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30.3.08

मराथागिरी

बहुत हो गया राज भाई । आज शिवाजी होते तो सबसे पहले तुम्हें ही अपनी गुरेल्ला युद्ध का शिकार बानाते क्योंकि तुमने उस राष्ट्रवाद को मारना प्रारम्भ किया है जिसके लिए उन्होंने मुगलों के खिलाफ जान तक को दाव पर लगा दिया था । यदी तुम्हें मराठा मानुस की इतनी ही फिकर है तो क्यों नहीं विदर्भ के किसानों के लिए कुछ करते हो जो मरकर भी अपना कर्ज चुका नहीं पाते । जिस बिहारी कामगारों को तुम अपनी सस्ती लोकप्रियता के लिए बेरोजगार मराठी युवकों को अपनी सेना बनाकर पिटवा रहे हो उन सेनाओं को उन्हीं बिहारी लोगों से यह क्यों नहीं कहते सिखने को जो अपनी मेहनत की कमाई खाते हैं और इस देश के लिए connecting india का रियल रोल अदा करतें हैं। मुम्बई किसी की जागीर नहीं । पूरे देश की जान है। अच्छा होगा यदि सारे दल इस राज टाइप गुंडा गर्दी से और उसके चाचा सीनियर ठाकरे के मुह्फत बयानों पर लगाम लगाने के सार्थक कोशिश करें। सबसे सस्ती जान बिहारी लोगों की ही नहीं है जिसको जब जहाँ मन हुआ वहीं धो दिए।

3 comments:

DEEPAK said...

is news ko bhool se dobara post kar diya gagy iske liye sorry for my all bhadas bhaiyon.

Anonymous said...

DEEPAK JI. UNLOGON KO MARATHAGIRI KARNE DIJIYE HAM LOG BHAARATGIRI,HINDUSTANGIRI TAB TAK KARTE RAHENGE JAB TAK IS DESH MEIN RAHENGE.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दीपक भाईसाहब,माफ़ी नई मांगने का बिलकुल अगर दस बार भी पोस्ट कर दिया तो टेन्शन नईं लेने का,दूसरी बात ;इस भैन के टके को काय को भाव दे रएले बाप?ये महाफ़ट्टू लोग हैं बिरादर, इदर इच कुत्ता का माफ़िक भौंक सकते बाएर गए तो कोई भी इनका टंगड़ी पकड़ कर चीर डालेंगा।