देश के चर्चित और सुप्रसिद्ध साहित्यकार उदय प्रकाश के बारे में लगभग हर साहित्य प्रेमी जानता है। उन्होंने अपनी रचना में समाज के अनेक कटु सत्यों को उजागर किया है और उन पर तीखे कटाक्ष किए हैं। मोहनदास उदय की सबसे चर्चित रचनाओं में एक है। यह बहुत खुशी की बात है कि इस बहुप्रतीक्षित फिल्म का प्रदर्शन किया जा रहा है लेकिन इस मौके पर उदय प्रकाश की कमी खलेगी। ऐसे लगता है कि इस मौके पर निर्माता निर्देशक ने किसी खास वजह से उदय जी को आधिकारिक तौर पर आमंत्रित नहीं किया है। निर्माता निर्देशक की इस हरकत को उदय जी का अपमान ही कहा जाएगा, जिसकी जितनी आलोचना की जाए कम है। सभी भड़ासी भाइयों से अनुरोध है कि फिल्म जरूर देखें और इसके बाद मजहर और उनकी टीम से पूछें कि उदय कहां है ?
16.7.08
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1 comment:
had kar di bhaiya in directoron aur produceron ne. jo kewal rakhi sawant ko yaad rakhte hain. aise achche film ke lekhek ko hi bhool jate hain......
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