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14.7.08

तन्नै क्युं कर बेरा पाटया के मन्नै बीडी पी थी ?

एक बार एक ताऊ अपनै छोरे के पास अपना ईलाज करानै
शहर चला गया ! वहां ताऊ का छोरा बडा सरकारी अफ़सर
था ! सरकारी गाडी बन्गला नौकर चाकर सब मिल राखे थे !
शहर मे उसके छोरे नै और उसकी बहू नै ताऊ की घणी सेवा करी !
और डाक्टर भी ताऊ के छोरे का पहचान का था सो उसनै ताऊ की
जान्च वान्च करके बताया की उसके प्रोस्टेट का आपरेसन करणा
पडैगा ! ताऊ को असपताल मै भर्ती करा दिया ! और सब जांच वांच
करकै डाक्टर बोल्या-- ताऊ थारा सुबह एक छोटा सा आपरेशन
कर देन्गे ! कोई चिन्ता मत करियो ! आप बिल्कुल ठीक हो जाओगे !
और इब आप बीडी चिलम मत पीना !

ताऊ बोल्या -- ठिक सै भाई ! जैसी थम कहो !
अगले दिन ताऊ का आपरेशन हो गया ! इसके बाद एक दिन
तो ताऊ नै बिना चिलम बीडी कै निकाल दिया ! पर इब उसतैं रहा
नही जावै था ! चिलम की तलब घणी होण लागरी थी ! और ताऊ नै
वार्ड बाय़ वगैरह सब आजमा के देख लिये , पर बात बणी नही !
इब ताऊ स्टाफ़ को चकमा देके असपताल के सामनै की पान की
दुकान पर पहुंच के बीडी पीके आगया ! और बस घुमण का
बहाना मार के ताऊ बीडी पीके वापस अपने बिस्तर पर आजाया
करै था !

शाम को डाक्टर आया राउन्ड लेता हुआ ! और उसनै ताऊ को
लिटा कै उसकी पेशाब की जगह पट्टि वट्टी
बदलनै लग गया ! और ताऊ सै बात भी करता जावै था !
इब डाक्टर नै पूछी-- ताऊ बीडी सिगरेट तो नही पी थी ना !
ताऊ बोल्या-- क्युं भाइ डागदर साब ? उडे के धुंआ निकलण लागरया सै ?
तन्नै क्युं कर बेरा पाटया के मन्नै बीडी पी थी ?

2 comments:

जगदीश त्रिपाठी said...

ताई गाने हैं लगी,ओंकारा का राग
ताऊ बीड़ी मत पियो,लगे जिगर में आग
लगे जिगर में आग,भरे दिल में तंबाकू
रामपुरी है गजब,शब्द जैसे हैं चाकू

ताऊ रामपुरिया said...

पन्डीतजी प्रणाम ! म्हारे सारे दोस्त थारे सिक्सर के दीवाने हो रहे सै !
थम तो परमामेंट कवि हो गए दिखो हो ! इब तै थारा नाम म्हारे दोस्ता नै
कवि भडास राम रख दिया सै ! गजब पंडीत जी गजब ! जीते रहो !