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29.3.09

ऐसी ब्लोगिंग पर लानत है ...

आज ब्लोगिंग में एक नया ट्रेंड चल पड़ा हैअपने ब्लॉग को हीट कराने के लिए अपशब्दों का प्रयोग करोबहुत से ऐसे ब्लोगर है जिनको किसी ख़ास विषय पर पकड़ नही होती .... ऐसे लोग जल्दी प्रसिद्धी पाने के लिए गाली -गलौज पर भी उतर जाते हैएक दुसरे पर छीटाकशी करना , पर्सनल आरोप लगाना ऐसे लोगो का हथकंडा हो गया हैकुछ देर के लिए वे फेमस भी हो जाते है पर अंततः उन्हें विलीन ही होना पड़ता हैमै कई दिनों से गौर कर रहा हूँ की ऐसे लोगो की तादाद ब्लोगिंग की दुनिया में बड़ी तेजी से बढ़ रही है
यह चिंता का विषय हैकिसी आदमी को गाली देना अभिवक्ति की स्वतंत्रता नही हो सकतीआलोचना मुद्दों पर आधारित होनी चाहिए की व्यक्तिगत आरोप प्रत्यारोप लगाये जाने चाहिएमुझे लगता है ऐसे लोगो के पास कोई योजना नही है और ही कोई विचारधारा हैबस भेड़ की तरह ब्लॉग्गिंग करने गए है ....खैर यह उनका अधिकार है और उनसे कोई छीन भी नही सकता ...ऐसा होना भी नही चाहिएपर अच्छा होगा की कुछ मर्यादा का ख्याल रखा जाए नही तो ब्लोगिंग की पहचान खतरे में पड़ सकती हैहमें यह संकल्प लेना चाहिए की ब्लोगिंग की दुनिया को साफ़ सुथरा बनाए रखेगे और ऐसे लोगो को कभी प्रोत्साहित नही करेगे जिनका मकसद केवल सनसनी पैदा करना है
स्थिति बड़ी भयावह है , ऐसे ऐसे शब्दों का प्रयोग हो रहा है , जिन्हें बोलने में भी शर्म आती है ...... कुछ शब्द तो बहुत घटिया होते हैकुत्ते , कमीने , हरामजादा , माधरचोद , लौंदियाबाज , साले , हरामी , गांड में मारुगा , सूअर कही के , बेटी चोद , चूतिया कही के ..... बहुत सारे ऐसे शब्द जिनका जिक्र करने में भी मुझे शर्म आती हैऔर इनका प्रयोग किसी ख़ास व्यक्ति के में सन्दर्भ में भी किया जा रहा है , जो माफ़ी के काबिल नही है
मै उन सभी महानुभावों से कहना चाहता हूँ की आप इस तरह के शब्दों का प्रयोग कर महान ब्लोगर या विद्वान् कभी नही बन सकतेअगर ऐसे शब्दों का प्रयोग कर कोई बड़ा लेखक बन जाता है तो मुझे नही बनना ऐसा ....मै ऐसी विद्वता को दूर से ही सलाम करुगागुमनामी में रहना पसंद करुगा ..वहां मुझे ज्यादा शुकून मिलेगा
अगर किसी को मेरी बात अच्छी नही लगी हो तो मै माफ़ी चाहता हूँ पर एक बात तो साफ़ कर दूँ की मैंने जो कहा या लिखा है वह शत प्रतिशत सही है

7 comments:

शब्दों के तीर said...

इसके लिए आप खुद दोषी है,आपने यह सब जानते हुए भी ऐसे आदमी का साथ दिया जो बेकार है,ब्लॉग्गिंग के काबिल ही नहीं है !
मैं तो समझ सकता हूँ की यह सब गलत है लेकिन जिसको समझना था उसको आपने समझाया नहीं ऐसा क्यों किया !
अच्छा आप खुलकर बता दीजिये की आप किसका नाम लेना चाह रहे है क्योंकि मैं भी आज जानना चाहता हूँ की सच बोलने की हिम्मत कितने लोगों में होती है !

Unknown said...

कुछ शब्द अगर गाली के ना भी लिखते तब भी आपकी बात पूरी होती सशक्त तरीके से । इस तरह के कृत्य कतई शोभा नहीं बढ़ा सकते ब्लागरों कि रही बात प्रसिद्धि की तो छणिक बात है ( बदनामी में भी नाम होता है ) । आपने जिस ओर ध्यान इंगित किया है वह विचारणीय है । सोचना होगा ।

Anonymous said...

बहुत दिनों से पोद्दार ग्रुप का न्यूज़ चैनल ३६५ दिन के सीईओ से वहां के स्टाफ त्रस्त रहे हैं.पेश है उन पत्रकारों की शोषण की कहानी जिसे वहां का सीईओ लगातार शोषित करता रहा है । दर्जनों क्रिमिनल केस के बल पर न्यूज़ चैनेल चलाने वाले सीईओ के खिलाफ लगभग १०२ एम्प्लोयी कलकत्ता के प्रसिद्ध बिजिनेसमैन तथा चैनेल के चेयरमैन अरुण पोद्दार के पास पहुच रहे हैं । पेश है खुला पत्र ।

पढने के लिये यहां जायें


http://lumarshahabadi.blogspot.com/2009/02/blog-post_28.html

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

aapne bhee to wahi kar diya jiski aap aalochana kar rahe hain, par comment bhee aa gya, narayan narayan

mark rai said...

sir mai shabdon ko bataya hai kisi ke liye prayog nahi kiya hai ...aap kaise compare kar sakate hai ...aur rahi baat ispar comment ki to ...maine ye aapake ya kisi ke comment ke liye nahi kiya hai ...

Anonymous said...

tune kya ramayan ke bol likhe hai

Anonymous said...

blog ki dunia ko rachanatmak banaiye dosto.

yeh gali - galouj vali pratibha dikhane ki jagah nahi.