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18.1.10

उत्तराखंडियों पर भारी बिहारी मराठी

देहरादून। उत्तराखंड प्रदेश का निर्माण यहां की जनता ने जिस परिकल्पना को साकार करने के लिए किया था उस पर बिहारी या बाहरी प्रदेशों के अधिकारी अपना दबदबा कायम कर उत्तराखंडियों के साथ भेदभाव की राजनीति को अंजाम देने में जुटे हुए हैं। बात भले ही उत्तराखंड की विभिन्न फैक्ट्रियों के काम करने वाले राज्य के बेरोजगारों की हो यापिफर शासन स्तर पर बैठे अध्किारियों की दोनो ही जगहों पर वाद को बढावा देकर उत्तराखंडियों के स्वाभिमान को ठेस पहुंचायी जा रही है। राज्य की फैक्ट्रियों के काम करने वाले अधिकांश उद्योगों में मराठियों का कब्जा इतना बरकरार है कि वह राज्य का कोई भी नवयुवक फैक्ट्री में काम करने के दौरान उनके हाथों दबाव की राजनीति का शिकार होता जा रहा है। प्रदेश में बढती जा रही यह मानसिकता उत्तराखंड के लिए बेहद घातक मानी जा रही है। ऊधमसिंहनगर की अधिकांश फैक्ट्रियों में बडे पदों पर बैठे मराठियों के संख्या इस कदर हावी है कि वह फैक्ट्री में काम करने वाले राज्य के बेराजगारों को हीन भावना से देखते हुए उनसे काम ले रहे हैं। बीते कुछ दिनों पूर्व ऊधमसिंहनगर की टाटा मोटर्स में राज्य के एक बेरोजगार को सिर्फ इसलिए बाहर का रास्ता दिखा दिया गया कि उसने मराठियों की बात को सहन नहीं किया जबकि मराठियों को राज्य में इतनी छूट ऊंचे पदों पर बैठे मराठियों द्वारा दी जाती है कि उनके आने-जाने के समय को भी नोट नहीं किया जाता। जबकि राज्य के बेरोजगारों के साथ हीनभावना को अंजाम देकर वह अपना कब्जा बरकरार रखना चाहते हैं। यही हाल शासन में बैठे बिहारियों का भी उत्तराखंड के अधिकारियों पर देखने को मिल रहा है।
शासन में बैठी बिहारी लोबी उत्तराखंड के अधिकारियों को जहां हीनभावना से देख रही है वहीं अधिकारियों को कई गुटों में बांटने का भी षडयंत्रा खला जा रहा है। अपनी लॉबी के अधिकारियों को मलाईदार विभाग दिलवाने में भी बिहारी काफी महत्पूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। वाद की इस परिकल्पना को बिहारियों द्वारा जिस तरह से प्रदेश में फैलाया जा रहा है वह देवभूमि के लिए उचित कदम नहीं माना जा रहा। निकट भविष्य में इसके बेहद घातक परिणाम भी सामने आ सकते हैं यदि जल्द ही प्रदेश के आका भी इस कूट रचित षडयंत्र का तोड नहीं निकाला तो यह प्रदेश के लिए बेहद घातक हो सकता है। वहीं राज्य के एक वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी का साफ कहना है कि पिछले कापफी समय से बिहारी लॉबी उत्तराखंड के अधिकारियों को हीन भावना देखकर उनके बीच खाई पैदा करने का षडयंत्र रच रही है जो प्रदेश के लिए बेहद चिंता का विषय है। महाराष्ट्र के मराठियों की तर्ज पर उत्तराखंड में फैलाया जा रहा यह साम्प्रदायिक तनाव बेहद दुर्भाग्यपूर्ण माना जा रहा है। वर्तमान में बिहार के शत्रुघ्न सिंह, अमरेन्द्र सिन्हा, उत्पल कुमार सिंह, श्रीमती राधिका झा, नितेश कुमार झा, रंजीत कुमार सिन्हा, आरके सुधांशु सहित कई अन्य अधिकारी भी उत्तराखंड में तैनात हैं। वहीं इस घटनाक्रम को लेकर आईएस लॉबी में भी खासा रोष व्याप्त हो रहा है।

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