मजदूर की लाश के कफ़न से पत्रकारों ने बनवाए अपने कपडे....
kindly attn: सभी चैनल मालिक और अखबार संपादक
ये घटना इतनी शर्मनाक है जिक्र करते हुए मैं खुद ही जमीन में गडा जाता हूँ,
मगर बताना जरुरी है इसलिए बता रहा हूँ......
हमारे कुछ पत्रकार साथियो का स्तर इतना गिर गया है कि अब तो लाश पर से कफ़न उतार कर अपने कपडे बनवा रहे है,
बात एक बार फिर बिजनौर की है,
“एक बार फिर” इसलिए, क्युकि अभी हाल ही में यहाँ के पत्रकारों ने मीडियाजगत को शर्मसार किया था....
इस बार तो मैं किसी संस्थान का नाम भी नहीं लूँगा... किस किस का लूँ.. इस हमाम में तो सभी नंगे है, क्या टीवी क्या अखबार....
कुछ दिन पहले बिजनौर की एक चीनी मिल में ट्रैक्टर पलटने से एक मजदूर की मौत हो गयी.... बात मीडिया तक पहुचनी लाजमी थी... तो मजदूर के गरीब परिवार को इन्साफ दिलाने के लिए, मीडिया की बरात मिल के दरवाजे पर जा पहुची. शुरू हुयी सौदेबाजी, बात बड़ी बड़ी की गयी, मजदूर के लिए मोटी रकम में मुआवजा माँगा गया...
अब मजदूर के गरीब परिवार को जो मिला वो उसकी किस्मत है,
मगर इस खबर पर हल्का हाथ रखने के एवज में मीडिया ने भी भिक्षा के लिए अपनी झोली फेला दी.... बिना ये सोचे कि उन्हें दी जाने वाली भिक्षा कहीं ना कहीं उस मजदूर के कफ़न की कतरन ही तो है....
और सभी ने फीलगुड किया, क्या अखबार, क्या टीवी, वो भी देश के बड़े बड़े नामी-गिरामी... शर्म करो देश के चौथे स्तंभ
मैं किसी संस्थान का नाम तो नहीं खोल रहा हूँ मगर मैं वो कीमत जरुर खोलना चाहूँगा, वो हमारे सम्मानित पत्रकार साथियो ने प्राप्त की...
कम से कम 500 रुपये और अधिक से अधिक 1800 रुपये...
उम्मीद है, कफ़न की कतरनों की ये कीमत जान कर आपको भी शर्म आ रही होगी...
माफ करना दोस्तों, मुहफट हू... बुरा मत मानना...
17.1.10
पत्रकार ले रहे है कफ़न की कीमत.....
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4 comments:
UF!NARAYAN NARAYAN
शर्म करो देश के चौथे स्तंभ............theek hi likhaa hai aapne.choutha stambh khokhala ho cuka hai.
pls also visit krantidut.blogspot.com
aise patraka or aise media ko usi majdoor ke parivaar ke hathon jooton se pitwana chahiye.
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