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18.12.10

उदास मन

उदास मन ......................
दिल के उस उदास एकांत कोने में,

अक्सर घूमा करता हे मेरा मन ,
अकेला ही किसी भूत की तरह ,
पर डरता नहीं हे वो किसी से ,
उस उदासी भरे अकेले एकांत कोने की ,
किसी कब्र में दफ़न हेंकिसी लाश की तरह यादे ,
कुछ गुलाबी ,कुछ सुनहरी और
कुछ दर्द भरी आहे ....
अकेला भूत सा मन
अभी जायेगा उसी यादो की कब्र में और...
खो जायेगा कुछ वक्त के लिए उन्ही यादो में
मेरा उदास मन फिर ...
किसी भूत की तरह
दिल के उसी उदास एकांत कोने में
मेरा उदास मन इक बार फिर ...........................................
संगीता मोदी "शमा"




4 comments:

ManPreet Kaur said...

bahut hi achi rachna lagi mujhe ...
likhte rahiye aise hi..
mere blog par bhi sawagat hai..
Lyrics Mantra
thankyou

news bang said...

uttam rachna hai maidam

Shikha Kaushik said...

itna udas kyon hai man ? bhadas par hai na hum aapke sath .achchhi abhivyakti !mere blog ''vikhyat 'par aapka hardik swagat hai .

Dr Om Prakash Pandey said...

shamma ji ,
yaaden to jeewant hoteen hain unhe dafan mat keejiye .