पोस्ट का शीर्षक बरबस ही ध्यान खींच लेता है़ा यह आज की नहीं सदियों की हकीकत हैा परपुरुष द्वारा स्त्री के साथ की गई जबरदस्ती बलात्कार है लेकिन अपने जीवन साथी से उसे जो व्यवहार मिलता है उसे झेलना उसका कर्तव्य हैा रामायण हो या महाभारत या ट्राय का युद्ध, स्ृत्री को भोग्या या प्रतिशोध के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया हैा
aap bhartiy hai ya paschim desh ke ya mile jule dono se kio ki bharat me to रामायण हो या महाभारत या ट्राय का युद्ध, स्ृत्री को भोग्या या प्रतिशोध के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया हैा yahi hamare sanskar hai aap bhi apne bacho ko yahi sab sikhate honge
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पोस्ट का शीर्षक बरबस ही ध्यान खींच लेता है़ा यह आज की नहीं सदियों की हकीकत हैा परपुरुष द्वारा स्त्री के साथ की गई जबरदस्ती बलात्कार है लेकिन अपने जीवन साथी से उसे जो व्यवहार मिलता है उसे झेलना उसका कर्तव्य हैा रामायण हो या महाभारत या ट्राय का युद्ध, स्ृत्री को भोग्या या प्रतिशोध के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया हैा
aap bhartiy hai ya paschim desh ke
ya mile jule dono se kio ki bharat
me to रामायण हो या महाभारत या ट्राय का युद्ध, स्ृत्री को भोग्या या प्रतिशोध के साधन के रूप में इस्तेमाल किया गया हैा
yahi hamare sanskar hai aap bhi apne bacho ko yahi sab sikhate honge
morye gandu ye halkee baat kee. aur har baat me ramayan ka naam lena kyun jaruri hae be
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