चलकर देखे बहाँ ....................
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ ,
चलकर जरा देखें वहाँ ,
सपनों के हम पंख लगाकर,
बादलों की सबारी कर ,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ,
मिलते हे जहाँ धरती आसमान ,
बसा हे बहाँ कौन सा जहाँ,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
लहराती हवा के साथ-साथ,
आ चले हम वही जहाँ,
मिलते हे जहाँ धरती आसमान,
चलकर जरा देखे बहाँ ,
क्या खुशियों का संसार हे बसा,
गम का नहीं जहाँ नाम-ओ-निशान,
चलकर जरा देखे बहाँ,
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ
संगीता ‘शमा’
13.2.11
चलकर देखे बहाँ..........
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4 comments:
चलकर जरा देखे बहाँ,
बादलों के पार हे कौन सा जहाँ
behad khoobsurat....
आपकी रचनात्मक ,खूबसूरत और भावमयी
प्रस्तुति भी कल के चर्चा मंच का आकर्षण बनी है
कल (14-2-2011) के चर्चा मंच पर अपनी पोस्ट
देखियेगा और अपने विचारों से चर्चामंच पर आकर
अवगत कराइयेगा और हमारा हौसला बढाइयेगा।
http://charchamanch.uchcharan.com
mujhe film pakeeja ke ganon ki yaad aayee .bahut sundar likha hai aapne .
क्या खुशियों का संसार हे बसा,
गम का नहीं जहाँ नाम-ओ-निशान,
चलकर जरा देखे बहाँ,
...बहुत सुन्दर
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