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2.8.11

सोहन शर्मा उर्फ़ कांग्रेसी का स्लट वाक

भाई सोहन शर्मा नुक्कड़ पर ठहाके लगा रहे थे कारण पूछने पर बोले -  " देखो तो दीपक भाजपाई के संघेरे भाईयों को स्लट वाक याने बेशर्मी मोर्चा का विरोध कर रहे हैं । अरे भाई कोई कैसे भी कपड़े पहने इनको क्या आपत्ति है ।  कम कपड़े पहनने का यह मतलब थोड़े ही है कि लड़की आप को बुला रही है , कि आओ बलात्कार करो । हमने सर हिलाया - बड़े उच्च विचार हैं आपके , वैसे शर्मा जी सोना चांदी पैसा कहां रखते हो शर्मा जी बोले - लाकर मे या  अलमारी के सेफ़ में और आदमी कहां रखेगा ? । हमने कहा घर के बाहर शोकेस बनवा दो आते जाते लोग आपकी संपत्ती की गहनो की तारीफ़ करेंगे मुहल्ले मे आपकी इज्जत बढ़ेगी मान बढ़ेगा


शर्मा जी बोले - दिमाग खराब हो गया है क्या , जिस चोर की निगाह पड़ी वही लूट लेगा , कौन शोकेस की चौकीदारी करता फ़िरेगा दिन भर । हमने कहा यही बात महिलाओं पर लागू नही होती क्या ? जिन कपड़ो से बलात्कारियों की नजर मे चढ़ो , उसको पहने का फ़ायदा क्या , खास कर उन लड़कियों को जो परिवार से दूर रहती हों या असुरक्षित जगहो पर जाती हों । चोर और बलात्कारी तो आसान और बढ़िया शिकार खोजते हैं , क्या वे स्ल्ट वाक को देख अपनी हरकते बंद कर देंगे  । सुंदर लड़कियो को कम कपड़ो मे देख आप जैसा अच्छा इंसान तो मन मसोस कर रह जाता है कि लड़की के घर वाले पीटेंगे पुलिस वाले पीटेंगे और सबसी बड़ी बात बीबी पीटेगी ।

शर्मा जी ने सर हिलाया पीट तो बीबीयां वैसे भी लेती हैं भाई पर छोड़ के चले जायेगी उसका क्या । शर्माईन को भले मुझमें लाख बुराईयां और अपने मे लाख अच्छाईयां नजर आये , शादी के इतने सालों बाद मन भी नही लगता उनके बिना । हमने शर्मा जी को टोका - ओ भाई होश में आओ , कहां श्रीमती के प्यार में खो गये अभी घर पहुंचते ही भाभी चार काम बतायेंगी तो तुम्हारा प्यार का नशा हिरण हो जायेगा । अभी बात बेशर्मी मोर्चा की करना है , क्या विचार बनाया आपने । शर्मा जी ने स्टैंड बदला - मैं सहमत हूं कि बेशर्मी मोर्चा का विरोध होना चाहिये ।

अब शर्मा जी से हमने कहा तुरंत दिल्ली जाओ , अपनी सोणी मम्मी राउल बाबा और उनके चालीस चोरों का जो रोजाना स्लट वाक हो रहा है उसे बंद कराओ

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