पूरी कहानी पढ्ने के लिये
http://mirchinamak.blogspot.com/2011/09/blog-post_3297.htm
अब तक आप ने पढा कि बम का संकट चल चुका था और हम आगे के सपनों मे पेंग बढा सकते थे
यहां पे चट्काये..
http://mirchinamak.blogspot.com/2011/09/blog-post_12.htmlअगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
2 comments:
going to read the next part
saamayik aur bahut prabhaavi prastuti.
कृपया मेरे ब्लॉग पर भी पधारने का कष्ट करें .
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