१ - दिग्विजय सिंह एवं अन्य नेताओं को केजरीवाल पर टिप्पणी करके उनका क़द नहीं बढ़ाना चाहिए । वह एक गैर ज़िम्मेदार व्यक्ति है । सरकार को जवाब देने के बजाय वह उलटे सरकार से जवाब तलब कर रहा है । इसका मन बहुत बढ़ गया है । सरकार इसे वह अशोभनीय शब्द ,वह गाली लिखकर दे जो इसने मंच से दिया , तब यह जवाब देगा। ऐसी विकृत प्रतिभाओं को हतोत्साहित किया जाना चाहिए । और ऐसे लोग हिन्दुस्तान में बहुतायत में हैं । #
२ - रालेगन सिद्धी गाँव में पंचायत का चुनाव अविलम्ब कराया जाय । जीते कोई भी, बहुमत या सर्व सम्मत से । पर अन्ना की तानाशाही किसी भी स्थिति में न चलने दी जाए । इस गाँव को आंबेडकर गाँव घोषित किया जाय या इसे दलित सीट आरक्षित किया जाय । #
३ - यह एक बौद्धिक कथन होता है की आम मुसलमानों की कोई गलती नहीं है कुछ मुसलमानों की कृत्यों के पीछे । सही बात है की भारत पर मुसलमानों के आक्रमण में आम मुस्लिम गुनहगार नहीं है । पर मामला इतना सीधा और सरल रेखा में आगे नहीं बढ़ता । उन्ही हमलों की वजह से इस्लाम फैला मुसलमानों में इजाफा हुआ । आज स्थिति यह है की उनकी आलोचना में कोई व्यक्ति तो क्या , कोई बड़ा से बड़ा दल भी बोलने की स्थिति में नहीं है । क्या इसके लिए भी आम मुसलमान मुस्लिम आक्रमण कारियों और शासकों का शुक्र गुज़ार नहीं है ? है , तो यह उसका पर्याप्त अपराध है । इसी तरह पाकिस्तान बन ने में भी मुसलमान दोषी नहीं है । लेकिन शेष भारत को हिन्दू राज्य बनाने की न भी कहें ,तो इस्लामी राज्य बन ने से रोकने और सही सेकुलर राज्य बनाने के प्रति उनकी अरुचि में उनका बड़ा दोष छिपा है । उनकी हर मांग के पीछे केवल उनका स्वार्थ बोलता है और वे हमेशा चौकन्ने रहते हैं की हाय ! हमारी पहचान मिटी जा रही है । अब इस से कोई फायदा नहीं की हम चिल्लाएं की बम धमाकों में / पाकिस्तान का हाथ है , या की यह, की इस से आम मुसलमानों का कोई लेना -देना नहीं है । बात बिल्कुल सही है , एक बार फिर , लेकिन आतंक वादियों की सफलता से इस्लाम का फायदा होगा ,तो आम मुसलमान का तो भला हो ही जायगा । इसलिए उनकी चुप्पी भी कोई निर्दोष,मासूम नहीं है । भारत का सीधे सीधे न सही पर कमुनिस्तों से मिलकर लोकतान्त्रिक अमरीका का विरोध भी भारत का ही विरोध है । यह बात अलग है की अमरीका ने जहाँ ९-११ के बाद अपने देश में कुछ नहीं होने दिया , भारत उग्र वादियों को अपनी खुली ज़मीन दिए हुए है । यहाँ तक की अमरीका अपने देश के बजाय हिन्दुस्तान को चरागाह बनाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए पाकिस्तान को भरपूर मदद कर रहा है । यह है विश्व में हमारी ताक़त और स्थिति । भारत महान है , ऐसे ही महान रहेगा । विश्व का महर्षि दधीच है यह , इसे देते ही रहना है अपना हांड - मांस संसार हित में । जय जगत , और जगत इस्लाम का । मुसलमानों का कोई दोष नहीं । दोषी , आतंक वादी है हिन्दू ,जो अपने ही देश में अपनी अस्मिता के लिए कुछ बम फोड़ रहा है । नहीं जा रहा है वह अमरीका , पाकिस्तान । #
४ - gujraat । क्या aapke aalochak , lokayukt की niyukti भी aapke pasand की kee jaaygi ? fir uski niyukti kee zaroorat hi क्या है ?##
10.9.11
मुसलमानों की कोई गलती नहीं
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3 comments:
बहुत बहुत बधाई ||
आप जब भी नई पोस्ट लाते हैं |
नया उत्साह जगाते हैं ||
आँखे - माखू दूसता, संघ - हाथ बकवाद ||
अर्जुन का यह औपमिक, है औरस औलाद |
है औरस औलाद, कभी बाबा के पीछे ,
अन्ना की हरबार, करे यह निंदा छूछे |
सौ मिलियन का मद्य, नशे में अब भी राखे,
बड़का लीकर किंग, लाल रखता है आँखे ||
(२)
आतंकी की प्रशंसा , झेले साधु-सुबूत
जहल्लक्षणा जाजरा, महा-कुतर्की पूत |
महा-कुतर्की पूत, झाबुआ रेप केस में,
दोषी हिन्दू-संघ, बका था कहीं द्वेष में |
भागा भागा फिरा, किया भारी नौटंकी,
लिया जमानत जाय, चाट कर यह आतंकी ||
(३)
क्रूर तमीचर सा बके, साधु-जनों पर खीज ||
तम्साकृत चमचा गुरु, भूला समझ तमीज |
भूला समझ तमीज, बटाला मोहन शर्मा,
कातिल नहीं कसाब , बताता है बे-धर्मा |
कहे करकरे साब, मारता हिन्दू-लीचर ,
पागल करे प्रलाप, विलापे क्रूर-तमीचर ||
(४)
वो माया के फेर में, करे राम अपमान,
मिले राम-माया नहीं, व्यर्थ लड़ाए जान|
व्यर्थ लड़ाए जान, बुड़ाया अपनी गद्दी,
गले नहीं जब दाल, करे तरकीबें भद्दी |
बोला तब युवराज, अशुभ है इसका साया,
हूँ मुश्किल में माम, बड़ी टेढ़ी वो माया ||
Khoob kavitayen !
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