नारी को आद्या से भोग्या के रास्ते धकेलता आधुनिक भारत
नवरात्री के पर्व पर मेरा देश आद्या शक्ति की उपासना करता है मगर अफसोस है की बात है कि हम वास्तविक
जीवन में कहाँ आकर खड़े हो गए हैं ,और यह रास्ता आगे जाकर किस विकट मोड़ पर देश कि नारी को ले जायेगा
१.हम विश्व के चोथे उस देश के रूप में गिने जा रहे हैं जहाँ कि नारी असुरक्षित है उसके साथ छेड़खानी ,बलात्कार ,मानसिक त्रास जैसी घटनाएं बढती जा रही है .
२.हम पिछले तीन दशक में अस्सी लाख से ज्यादा कन्या भ्रूण हत्या कर चुके है और शर्म कि बात यह है कि कन्या भ्रूण हत्या में अपने को पढ़ा लिखा सभ्य कहने वाला वर्ग जिसके घर पहली कन्या संतान है ,सबसे आगे रहा है .
३. हमने भारतीय नारी को वस्तु समझ कर ,माल समझ कर अधोगति के मार्ग पर धकेल दिया है
४.आधुनिकता के नाम पर हमने उसके लज्जा रूपी वस्त्र का हरण किया है और भोगने का खिलौना बना दिया है
५.पुरुष कि बराबरी करने कि मृग तृष्णा नारी के मन में जगाकर उसे दिन में घर के बाहर काम करने ,घर वापसी पर घर का काम करने और रात में हवस पूरी करने का साधन बना दिया है
६.टी वी सीरियलों में हम नारी को करूणाहीन ,स्वार्थी ,भावनाहीन पेश करके घटिया मनोरंजन का पात्र बना दिया है
७.हमने विज्ञापन में उसके अवयवों का बेजा इस्तेमाल किया है और पैसा बनाने तथा व्यापार वृद्धि का बेहूदा साधन बना लिया है
८.हमने फिल्मो में उसके नग्न शरीर को दिखा कर देवी के स्वरूप को कलंकित कर दिया है
९ हमने आर्थिक स्वावलंबन के नाम पर या उसकी आड़ में नारी के शील का दफ्तरों में शोषण किया है
१०.नव वधु रेंगिग कि नयी प्रथा चलाकर दुल्हे के दोस्त ,भाई और रिश्तेदार वगेरह के सामने गरम गोस्त के रूप
में परोस दिया है
११.आवारा धनाढ़य वर्ग ने पत्नी बदलने का खेल खेलकर नारी को वेश्या बना दिया है
१२.लिव इन रिलेशन के कारण नारी का जातीय शोषण करने का नया तरीका इजाद कर दिया है
१३.हमने नारी को रुपयों कि चमक दिखाकर उसके शील को ठगा है
१४.अपनी ही नारी को ,बहु को ,या लड़की को मुन्नी बदनाम .........शीला कि जवानी पर थिरकता देख कला के नाम पर उसके गदराये जिस्म का लुफ्त उठाया है
१५.पुरुष खिलाड़ियों को जीत के जश्न में या हार के गम में हमने नारी को शिकार के रूप में परोस दिया है
१६.गर्भपात को अंकुश हीन करके हमने जम कर नारी को भोगा है और अपने कलुषित आचरण को छिपाया है
१७.आजादी के नाम पर हमने भारतीय नारी को उच्छ्खलन बना दिया है
१८.विश्व सुंदरी के नाम पर ,भारत सुंदरी के नाम पर उसकी नग्न देह से अपनी आँखों को सेका है
१९.नारी के सतीत्व को दकियासुनी बात बताकर उसे भ्रमित किया ताकि नारी आधुनिकता कि दौड़ में अंधी हो जाए और पथ हीन आचरण करने में गौरव महसूस करे
20 .सीता के शील ,सावित्री के पतिव्रता धर्म ,दुर्गा की शक्ति ,मीरां की भक्ति ,लक्ष्मीबाई के शोर्य,मदर टेरेसा की
करूणा से हटाकर हमने आज की नारी को पतन के गर्त में धकेल दिया है
हम नवरात्री पर्व को मनाने के कितने काबिल हैं ?क्या नारी को शक्ति का रूप मानकर पूजने वाला राम हमारे
दिल में जिन्दा है ? क्या नारी के शील की रक्षा करने वाला कृष्ण बनने का जज्बा हमारे दिल में है ?शत्रु की नारी
को इज्जत बख्सने वाला शिवाजी का दिल हमारे शरीर में धडकता है ?युवा विदेशी नारी का पुत्र बन कर जीने का साहस जो विवेकानंद में था वो हमारे में है ?
................अगर नहीं है तो फिर नारी कल्याण का आडम्बर क्यों ?
..................हे भारतीय नारी ! तेरा गौरव किस में है यह तुम्हे ही पहचानना है . तुम पश्चिमी देशो की भोग्या भी बन सकती हो या भारतीय दर्शन की अनसूया भी .
माँ दुर्गा तुम्हे प्रणाम . माँ शक्ति तुम्हे नमन . सूर्पनखा तुम पर घृणा !!
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