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14.9.11

राजस्थान की थीम पर बंगाल में पूजा

शंकर जालान



कोलकाता, बीते कुछ सालों से दुर्गापूजा किसी ने किसी थीम पर आधारित होने लगी है। ज्यादातर पूजा कमिटियां विशेष थीम पर पूजा आयोजित कर खूब वाह-वाही लूट रही है। दक्षिण, मध्य और उत्तर कोलकाता की कुछ पूजा इतनी चर्चित हो गई हैं, कि उनमें दर्शनार्थियों की भारी देखी जाती है। उन्हीं चर्चित पूजाओं में से एक है- दक्षिण कोलकाता स्थित त्रिधारा सम्मिलनी की दुर्गा पूजा। मनोहरपुकुर रोड और रास बिहारी एवेन्यू के संगमस्थल पर आयोजित होनी वाली पूजा इस बार राजस्थान की थीम पर आधारित है। संस्था के अध्यक्ष डॉ. अनुपम दासगुप्ता व सचिव देवाशीष कुमार ने बताया कि संस्था के बैनर तले पूजा आयोजन के अलावा कई तरह के सेवामूलक कार्य भी किए जाते हैं।
संस्था के एक अन्य सदस्य लालटू मुखर्जी ने बताया कि इस बार भव्य रुप में राजस्थान को ध्यान में रखकर पूजा आयोजित की जा रही है। इसलिए पूजा पंडाल का उद्घाटन भी राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत करेंगे। इसके अलावा उद्घाटन के मौके पर राजस्थान सरकार के कई मंत्री व राजस्थान विधानसभा के अध्यक्ष भी उपस्थित रहेंगे।
मुखर्जी के मुताबिक संस्था के सदस्यों की सहमति से इस बार थीम के रुप में राजस्थान का चयन किया गया। उन्होंने बताया कि दीपक घोष की परिकल्पना पर सैंकड़ों कारीगर पंडाल निर्माण में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि पंडाल को राजस्थानी हवेली का आकार दिया जा रहा है। उन्होंने कहा- हमारे पंडाल में आने वाले दर्शनार्थियों को ऐसा महसूस होगा कि वे बंगाल में नहीं राजस्थान की धरती पर हैं।
मुखर्जी ने जनसत्ता को बताया कि 65 सालों से यहां पूजा आयोजित होती आ रही है और इस बार पूजा पंडाल का उद्घाटन 30 सितंबर को होगा और इसके ठीक सात दिन बाद यानी छह अक्तूबर को मां दुर्गा को विदाई दी जाएगी।
मुखर्जी ने बताया कि मूर्तिकार बबलू बनिक त्रिधारा सम्मिलनी के पूजा पंडाल के लिए मां दुर्गा समेत गणेश, कार्तिक, लक्ष्मी व सरस्वती की प्रतिमा बनाने में जुटे हैं। उन्होंने बताया कि हमारे पूजा पंडाल में आए दर्शनार्थियों को अंबा के रूप में मां दुर्गा के दर्शन होंगे। उन्होंने बताया कि सीताराम शर्मा को चेयरमैन और राम अवतार पोद्दार, संतोष सराफ व विपीन कुमार वोहर को उपाध्यक्ष बनाया गया है।
उन्होंने बताया कि दुर्गोत्सव के दौरान राजस्थानी कला-संस्कृति की झलक, राजस्थानी खानपान की व्यवस्था तो रहेगी ही साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि पूजा आयोजन में कलकत्ता हाई कोर्ट, कोलकाता नगर निगम, दमकल विभाग और कोलकाता पुलिस के निर्देशों को पूरी तरह ध्यान में रखा जा रहा है, ताकि पूजा घूमने आए लोगों को किसी तरह की कोई परेशानी ने हो।

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