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9.9.11

लौट आओ तुम (ए लव स्टोरी -destroyed by terrorism )


वो मासूम सा लड़का उसे बचपन से भला लगता था ,छोटी छोटी सी आँखें,घुंघराले बाल ,वो हमेशा से छुप छुप के उसे देखती आई थी ,जब वो अपना बल्ला  लेकर खेलने जाता,अपने दीदी की चोटी खींचकर भाग जाता,मोहल्ले के बच्चो के साथ गिल्ली डंडा खेलता हर बार वो बस उसे चुपके से निहार लिया करती थी .जैसे उसे बस एक बार देख लेने भर से इसकी आँखों को गंगाजल की पावन बूदों सा अहसास मिल जाता था .घर की छत  पर खड़ा होकर  जब वो पतंग उडाता वो उसे कनखियों से देखा करती थी जेसे जेसे उसकी पतंग आसमान में ऊपर जाती, इसका दिल भी जोरों से धड़कने लगता और फिर वो भागकर नीचे आ जाती की इंजन की तरह आवाज करते इस दिल की आवाज कही आस पास के लोगो को ना सुनाई दे ,कितनी पगली थी वो जानती ही नहीं थी दिल की आवाज़ बस उसी  को सुनाई देती है जिनका दिल आपके दिल से जुड़ा होता है बाकि लोग तो बस शब्द सुन सकते है  अनंत आकाश में हमेशा  गूंजने वाले शब्द....

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