कमला गोइन्का फाउण्डेशन के प्रबंध न्यासी श्री श्यामसुन्दर गोइन्का ने एक प्रेस विज्ञप्ति द्वारा बताया है कि संपूर्ण भारत के हिन्दी व राजस्थानी साहित्यकारों को वर्ष 2020-2021 के तहत मिलने वाले पुरस्कारों की घोषणा कर दी गई है। ये पुरस्कार हिन्दी व राजस्थानी भाषा में लिखित व प्रकाशित पुस्तकों तथा साहित्यकारों के साहित्य के प्रति किए गए समग्र-योगदान के आधार पर दिए जाते हैं। सभी घोषित पुरस्कार व पुरस्कार प्राप्ता की सूची इस प्रकार है:
एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का "मातुश्री कमला गोइन्का राजस्थानी पुरस्कार" जोधपुर के श्री मिठेस निर्मोही को उनके काव्य-संग्रह "मुगती" के लिए।
एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का "स्नेहलता गोइन्का व्यंग्यभूषण पुरस्कार" दिल्ली के डॉ. हरीश नवल को उनके व्यंग्य-संग्रह "अमरीकी प्याले में भारतीय चाय" के लिए।
एक लाख ग्यारह हजार एक सौ ग्यारह रुपये का "यशस्वी सत्यनारायण गोइन्का हिन्दी साहित्य पुरस्कार" पुणे के डॉ. दामोदर खडसे को उनकी पुस्तक "बादल राग" के लिए।
इक्यावन हजार रुपये का "रत्नीदेवी गोइन्का वाग्देवी पुरस्कार" मुंबई की डॉ. बीना बुदकी को उनकी पुस्तक "केसर की क्यारी में आग में लपटें कब तक" के लिए
इक्यावन हजार रुपये का "रमादेवी गोइन्का महिला राजस्थानी साहित्य पुरस्कार" जोधपुर की डॉ. चांदकौर जोशी को उनकी कहानी संग्रह "उपहार" के लिए।
श्री श्यामसुन्दर गोइन्का जी ने यह भी बताया कि कोरोना के प्रकोप को ध्यान में रखते हुए पुरस्कार समारोह का आयोजन नहीं किया जायेगा और उक्त पुरस्कारों की राशि व स्मृति चिन्ह पुरस्कार प्राप्ताओं को उनके पते पर भिजवा दी जाएगी।
उत्कृष्ट रचना-लेखन तथा साहित्य के प्रति योगदान के लिए कमला गोइन्का फाउण्डेशन सभी पुरस्कार प्राप्ताओं को बधाई प्रेषित करता है।
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