गोरखपुर: जिस तरह बिना सोचे समझे जांचे परखे बगैर किसी साक्ष्य के किसी के विरुद्ध खबरें दिखाने और छापने से कई बार बेकसूरों को सामाजिक दंश झेलना पड़ता है ठीक उसी तरह बिना सोचे समझे अपने निजी स्वार्थ के लिए ठगों तथा कपटियों की बड़ी-बड़ी फोटो युक्त खबरें छाप कर उनका महिमामंडन करने और उन्हें प्रचारित करने का खामियाजा भी बेकसूर लोगों को ही भुगतना पड़ता है । वर्तमान वाक्या गोरखपुर जनपद का है।
लॉक डाउन के वक्त शहर में घूम घूमकर खुले आम मरीजों का चौराहे पर इलाज करने वाले झोलाछाप एस सी वर्मा का जनपद के दिग्गज अखबारों ने बड़े-बड़े फोटो अपने अखबारों में छाप कर उसे भगवान का दर्जा देते हुए हीरो बना दिया । नतीजा यह निकला कि अखबारों के जरिये बना अखबारों का यह हीरो गोरखपुर की जनता की नजरों में भगवान बन बैठा । दिग्गज अखबारों की मेहनतकश रिपोर्टिंग का प्रभाव इतना पड़ा कि यह झोलाछाप स्वास्थ्य महकमे की मीटिंग में अधिकारियों के साथ सम्मिलित भी होने लगा और शहर के तमाम बड़े हॉस्पिटल में इलाज भी करने लगा।
शहर तो शहर दूरदराज के गांवों में भी इस झोलाछाप के लोकप्रियता की जय जयकार होने लगी । लेकिन जनपद के एक बहुत ही छोटे तथा अनुभवहीन पत्रकार को इस झोलाछाप से बातचीत के दौरान बहुत कुछ गलत महसूस हुआ और उसने सिलसिलेवार स्टिंग कर इस झोलाछाप और इससे जुड़े सभी स्टंटबाजो के स्टंटबाजी की पोल खोलकर रख दी । सच तो आखिर सच ही होता है । पोल खुलते ही स्वास्थ विभाग से लेकर तमाम बड़का लोगों के मुंह पर ताले लग गए । इधर झोलाछाप एस सी वर्मा भी जनपद से गायब हो गया लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी।
इस झोलाछाप ने अपनी लोकप्रियता के दौरान तमाम गरीब बेरोजगारों को रेलवे में नौकरी दिलाने का झांसा देकर लगभग 42 लाख रुपए ठग लिए थे । इस झोलाछाप एस सी वर्मा की इन सभी हरकतों में इसका चमचा बना था गोरखपुर निवासी कपिल मुनि भारती । इस कपिल मुनि भारती के जरिए ही तमाम लोग इस फर्जी डॉक्टर के संपर्क में आए और ठगे गए । इस कपिल मुनि भारती को भी बेरोजगारों को फसाने के लिए झोलाछाप एस सी वर्मा ने लाखों का कमीशन दिया जिसमें कुछ ट्रांजेक्शन कपिल मुनि के एकाउंट में तथा कुछ कैश दिया गया।
बेरोजगारों द्वारा भी ज्यादातर पैसे झोलाछाप एस वर्मा के खाते में ही ट्रांसफर किये गए हैं । इस बाबत तमाम प्रमाण भी सामने आ चुके हैं लेकिन आज बेरोजगार अपने पैसे पाने तथा मुकदमा लिखाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहे हैं । आज जहां एक तरफ झोलाछाप एस सी वर्मा बनारस में ऐश कर रहा है और नए मुर्गे हलाल करने में लगा है वहीं दूसरी तरफ उसका चमचा कपिल मुनि भारती गोरखपुर में ही फिर किसी नए गुरु की तलाश में है जो हुबहू झोलाछाप एस सी वर्मा जैसा ही हो ।
सबसे मजे की बात तो यह है कि झोलाछाप एस सी वर्मा के गोरखपुर स्थित बिछिया आवास पर जब कोई बेरोजगार पहुंचता है तो घर के लोग कहते हैं कि हमारे लिए एस सी वर्मा सालों पहले मर चुका है और हमने उसका क्रिया कर्म भी कर दिया है । वही दूसरी तरफ जब बेरोजगार झोलाछाप एस सी वर्मा की पत्नी के पास उसके किराए के मकान पर पहुंचते हैं तो वहां से जवाब मिलता है कि वह किसी और महिला के साथ कहीं रह रहा होगा जाकर ढूंढ लो वह यहां नहीं रहता । वर्तमान परिदृश्य में तो आज मन यही कहता है कि ...वाह रे अखबारों के भगवान... कहां हो गए तुम अंतर्ध्यान । कब प्रकट होगे कुछ तो बताओ..तुम्हारे भक्त तुम्हे तलाश रहे है । फिलहाल पुष्ट सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार अखबारों के भगवान चंदौली जनपद में पुलिस के हत्थे चढ़ गए है और जेल भेज दिए गए है । गोरखपुर की जनता यदि चाहे तो अपने साथ हुई ठगी में कार्यवाही के लिये चंदौली पुलिस से संपर्क कर सकती है ।
सत्येन्द्र कुमार
9161203799
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