Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

6.3.08

ब्लॉग किस चिड़िया का नाम है

भड़ास-२ शुरू करने के बाद अधिकांश लोगों ने सराहा तो कुछ ने कहा कि कुछ नया करना था। उनकी बातें सुनकर मैं थोड़ा सा भी विचलित नहीं हुआ। दरअसल भड़ास से मुझे ब्लाग के बारे में जानकारी हुई कि ये चीज क्या है। कानपुर आईनेक्स्ट में था, तभी से ब्लाग और भड़ास के बारे में जानकारी हुई। पहली बार जब भड़ास देखा तो समझा कि पोटॆल होगा, वेबसाइट होगा। बाद में जब इसकी आदत सी हो गई तो मालूम हुआ कि ब्लाग किस चिड़िया का नाम है। भड़ास में पत्रकार बंधुओं के लिए शुरू किया गया कनबितयां काफी फेमस हुआ। कनबतिया के द्वारा ही राजीव जी के लुधियाना भास्कर ज्वाइन की खबर मिली। यहां तक कि उनके मोबाइल नंबर भी आसानी से मिल गए। सो मुझे लुधियाना आने में कोई दिक्कत नहीं हुई। घुमा-फिराकर यह कहना चाहता हूं कि भड़ास से कई लोगों को कुछ अलग करने की चेष्टा मिली है, चाहे वो मानें या न मानें।
जय भड़ास

4 comments:

Unknown said...

jao bhad me..

मुनव्वर सुल्ताना Munawwar Sultana منور سلطانہ said...

प्यारे बच्चे,जरा ये तो बताओ कि तुम पैदाइशी हमशक्ल हो या भड़ास की प्रसिद्धि से प्रभावित होकर प्लास्टिक सर्जरी करवाई है । जो भी हो खुश रहो मेरे अब्बा दि ग्रेट शिवाजी बीड़ी पीते हुए कहते हैं कि नकल तो करी जा सकती है पर बराबरी नहीं.....

Anonymous said...

BILKUL SAHI MUNNAVAR AAPA......YE LOG LAGTA HAI SATHIA GAYE HAIN.KYA?

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मेरे प्यारे भाई लोग अगर ये भाई मुझे मिला तो इसका डी.एन.ए. टैस्ट करवा लेंगे हो सकता है कि पुरानी हिन्दी फ़िल्मों की तरह हमारा बिछुड़ा हुआ भाई हो और अब इंटरवल के बाद विलेन से बदला लेने के लिये मिल गया हो हमसे.....