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10.2.09

तस्करी का धुआं सरकारी फेफड़ों तक


सरकारी खजाना खाली हो रहा है, मगर तस्कर चांदी काट रहे हैं। यह सब हो रहा है तस्करी के जरिए सिगरेट को मुल्क में लाकर। नामी सिगरेट ब्रांड जब कौडिय़ों के दाम मुहैया हैं तो कोई क्यूं चूके धुआं उड़ाने से। तस्कर देश के कायदे-कानून धुएं में उड़ाए जा रहे हैं, जबकि फेफड़े सरकार के जल रहे हैं। तस्करी के इस गोरखधंधे से परदा उठाती विशेष रिपोर्ट।

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