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14.1.11

अपना बिहार

देता है सबको प्रचुर प्यार
अपना बिहार , अपना बिहार ।

आसाम तमिल या महाराष्ट्र
दिल में सबको रखता विराट ;
भ्रातृत्व भरा वत्सल उदार
अपना बिहार , अपना बिहार ।

उर्वर वसुंधरा पर प्रतिपल
सरिताएं करती हैं कल-कल ;
उर में सुरसरि की विमल धार
अपना बिहार , अपना बिहार ।

गौतम बुद ध आ और महावीर
चाणक्य -चन्द्र से शूर -धीर ;
गोविन्द-तेग की या क टा र
अपना बिहार ,अपना बिहार ।

हरने चलता है विश्वशोक
कर धम्म विजय की ध्वनि अशोक ;
भ्रातृत्व भाव का कर प्रचार
अपना बिहार, अपना बिहार ।

भारत स्वतंत्रता का शुचइ रन
गाँधी ने छेरा चंपारण ;
सत्याग्रह का उत्तम विचार
अपना बिहार , अपना बिहार ।

देता है सबको प्रचुर प्यार
अपना बिहार, अपना बिहार ॥

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