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1.3.08

अतिमहत्वाकांक्षी अविनाश की मठाधीशी के खिलाफ भड़ास का अभियान, आप साथ दें....!!!

अविनाश की शक्ल के पीछे छिपे काले दिल का खुलासा करने जा रहे हैं हम। भड़ास ने अपने खिलाफ छेड़े गये सुनियोजित जंग को स्वीकार कर लिया है। इसी के तहत अविनाश से किए गए निजी चैट को सार्वजनकि कर दिया है, जैसा कि अविनाश की आदत रही है। और ये आदत जन्मी है अतिमहत्वाकांक्षा की बीमारी के कारण। ये बीमारी जिसे लग जाती है वो दीन, धरम, ईमान, मित्र, नैतिकता, सगे, संबंधी, देश, समाज, विचारधारा...सबको भूलकर सिर्फ और सिर्फ अपना लाभ, अपना नाम, और अपना पैसा देखता, जोड़ता, गिनता, गुनता है। इसीलिए जैसे को तैसा अंदाज में अविनाश से हुए चैट को सार्वजनिक कर दिया गया है जिसमें उसने भड़ास पर प्रतिबंध की बात से इनकार किया है और क्षमा भी मांगी है।

लेकिन अविनाश, तुमने जो खेल बहुत लोगों से खेला है, वही दाव यहां आजमाना चाह रहे थे, तो वो अब तुम्हें महंगा पड़ेगा। जिस मनीषा पांडेय के पैरोकार बनकर तुमने भड़ास पर पाबंदी लगाने की बात कही, उसी ने तुम्हें कहा कि तुम तो सबसे गये गुजरे हो जो निजी चैट को सार्वजनिक कर दिया।

तुम्हारे ब्लाग से विस्फोट के संजय तिवारी ने खुद को अलग कर लिया। अनिल रघुराज ने अलग करने का तुमसे अनुरोध किया है। बोधिसत्व समेत ढेर सारे ब्लागरों ने भड़ास पर पाबंदी के खिलाफ तुम्हारे अभियान से अलग होकर भड़ास को नैतिक समर्थन दिया है।

सवाल यहां भाषा, या शील, अश्लील का नहीं, भड़ास तुम्हारी दादागिरी और तुम्हारे आत्मकेंद्रित, स्वार्थी और दादागिरी वाले अंदाज का है, जिसे अब बिलकुल नहीं चलने दिया जाएगा। तुम्हारे अतीत के सारे कच्चे चिट्ठे भड़ास पर दो मार्च से डाला जाएगा। सिरीज में। पार्ट वन से लेकर पार्ट टेन तक। तुमने रांची से लेकर पटना तक और फिर दिल्ली तक किससे क्या क्या धोखाधड़ी की, किससे कब कब स्वार्थ सिद्ध किया, सब कुछ बताया सुनाया जाएगा।

अब जो हवा चल पड़ी है, वो रुकेगी नहीं क्योंकि हम शरीफों को तुमने छेड़ा है जो अपनी खोल में मस्त रहने के आदी थे, हैं और रहेंगे। यहां भोले शंकर की बारात है जिसे कल क्या होगा, कोई चिंता नहीं।

चलो, तुम थोड़ा अपनी करनी-कथनी पर सोच लो, फिर दो मार्च से मिलते हैं.....


मैं उन सभी ब्लागर साथियों, पाठकों, पत्रकारों, साहित्यकारों से अपील करता हूं कि अगर आपके मन में अविनाश की दादागिरी को लेकर कोई पेंच, कोई दुख, कोई सदमा है तो हमें जरूर बताएं। अगर आप चाहते हैं कि आपका नाम न छपे तो हम अनाम नाम से आपकी बात को छापेंगे। यहां किसी विचारधारा की बात नहीं, किसी निजी हित-अहित की बात नहीं, यहां बात ब्लागिंग में अविनाश की मठाधीशी के खिलाफ के अभियान की है, जिसे भड़ास नेतृत्व प्रदान कर रहा है। यह एक मौका है जिसमें आप सभी को भड़ास आमंत्रित कर रहा है, अपनी बात रखने के लिए। आप भड़ास से असहमत हो सकते हैं, हमारीर भाषा पर सवाल उठा सकते हैं लेकिन इसके बावजूद अगर आप तानाशाही के खिलाफ हैं, आप अवसरवादिता के खिलाफ हैं, आप स्वार्थसिद्धि के खिलाफ हैं तो हमसें हाथ मिलाएं। यह मौका है अविनाश को सबक सिखाने का।

आप अपनी बात मुझे YASHWANTDELHI@GMAIL.COM पर भेज सकते हैं। आप अगर अनुरोध करेंगे तो आपका नाम गोपनीय रखा जाएगा, यह मेरा निजी वादा है।

जय भड़ास
यशवंत

2 comments:

सच का आईना said...

darasal mr avinash complex ke mare hain..wo chahte hain ki log unke alawa kisi ko na jane. hum to yashwant ji ke sath hain.

बात बाकी said...

yaswant bhai
Namaskar
Avinash babu kahi aapka abheyan se hiro to nahi ban raha hai. Aaisa jo kaheya sahab hai bahut nirala. inko janna wale kahata hai sahab hai kelandar. kalta hai har chege se. ise karan ya jata hai. par fher lautkar aa jata hain. iselea inka naam hai lautkar avinash. inka sepahsalaron ne inke nayya pahale bhe dubsi hai. aab rajdhani ma sasti lakpriyat ka lea tana-bana buna hai enoune.

jai bhadas