Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

8.7.08

साक्षात्कारः भड़ास के आने से नकली गंभीरता, हिप्पोक्रेसी और गुडी गुडी का दौर खत्म हुआ


अंडरलाइन नामक एक मैग्जीन में ब्लागिंग और भड़ास को लेकर एक इंटरव्यू प्रकाशित हुआ है। उसे भाई भड़ासियों तक पहुंचाने के लिए इसे यहां डाल रहा हूं। उपरोक्त चित्र पर क्लिक करके आप इसे पूरा पढ़ सकते हैं।
जय भड़ास
यशवंत

3 comments:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

दादा,भविष्य की दुनिया हम ब्लागरों की ही है...

Anonymous said...

docto saab,

sirf sach or sach ke saath rahne wale blogron ki hai blogron ki nahi kyounki bahoot se chadm blogar bhi muthiyaa rahe hain ;-), khujaa rahe hai, bhonk rahe hain magar :-P......

jay jay bhadas.

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

सत्य वचन बालक! हम अपनी भूल सुधार लेते हैं ब्लागरों में तो कल्लू-मोटल्लू भी आ जाते हैं...:)
जय जय भड़ास