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6.1.11

दिग्गी राजा आप ऐसे क्यों हैं ?

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एक बार एक बोईंग यात्री जहाज जब हवाई पट्टी से टेक ऑफ कर गया तब उसका मुख्य पायलट जोर से ठहाका लगाकर हंसा । को-पायलट ने जब उसके एकाएक हंसने की वजह जाननी चाही तो मुख्य पायलट ने कहा कि जब पागलखाने वालों को पता चलेगा कि मैं यहां पर हूं तब तो उनके होश ही उड़ जायेंगे ।
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मित्रों यही हाल आजकल कांग्रेस का भी है । कांग्रस का जहाज आजकल पागल दिग्विजय सिंह उड़ा रहे हैं । वे कांग्रेस को किस वीराने में जाकर क्रैश करेंगे ये न तो उनको मालूम है और न ही कांग्रेस को । मैडम और युवराज दोनों ही ये नहीं जानते की हिंदुत्व के उभार से कांग्रेस जमींदोज हो जायेगी लेकिन वे उसको उकसाने की भरसक कोशिश कर रहे हैं । उन्हें गुजरात और बिहार की करारी हार याद नहीं आती । वे वही गलती बार बार दुहरा रहे हैं ।
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आज के अखबार में खबर है कि दिग्विजय सिंह ने एटीएस प्रमुख हेमंत करकरे से 26 नवंबर 2008 की शाम 5:44 पर अपने मोबईल से एटीएस के
दफ्तर में बात की थी ।
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इसके पहले मुंबई हमले के दो साल बाद उन्होंने यह कह कर सनसनी फैला दी थी
कि एटीएस प्रमुख ने 26 नवंबर 2008 की शाम उनसे बात करके हिंदू उग्रवादियों से अपनी जान को खतरा बताया था । उनके इस बयान को अवसरवादिता का घटिया उदाहरण माना गया था । इसके बाद दैनिक जागरण ने यह पता लगाया कि उस शाम करकरे के मोबाईल से कोयी कॉल दिग्विजय सिंह को नहीं की गयी थी और इसके साथ ही हेमंत करकरे की विधवा पत्नी ने भी पति की शहादत पर जो कि पाकिस्तानी आतंकी कसाब की गोलियों का शिकार हुये थे, दिग्विजय सिंह से कोयी राजनीति न करने की अपील की थी क्योंकि हेमंत करकरे ने ऐसे किसी भी खतरे के बारे में अपने परिवार को नहीं बताया था ।
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सबसे पहले दिमाग में यह प्रश्न आता है कि जब हेमंत करकरे ने दिग्विजय सिंह को कोई कॉल नहीं की थी तब एटीएस के
दफ्तर में दिग्विजय सिंह ने उस शाम क्यों फोन किया । वे मात्र कांग्रेस महासचिव हैं न कि महाराष्ट्र राज्य या केन्द्र सरकार के गृह मंत्री । तब क्या प्रज्ञा ठाकुर मामले की देखरेख कांग्रेस भारत सरकार के माध्यम से नहीं बल्कि अपने व्यक्तिगत राजनैतिक लाभ के लिये करना चाहती थी/है और इसलिये दिग्विजय सिंह को उसने इस मामले को देखने के लिये नियुक्त किया था । दिग्विजय सिंह का कोयी अधिकार नहीं बनता है किसी राज्य या केन्द्र सरकार की जांच एजेंसी के प्रमुख से किसी जांच की जानकारी लेने का । उनका कोयी भी संवैधानिक अधिकार नहीं है ऐसी किसी जानकारी को प्राप्त करने का । इसके अलावा दिग्विजय सिंह का आजमगढ़ प्रेम और शहीदों की शहादत को अपमानित करने का (बाटला हाउस काण्ड और करकरे की शहादत) रहस्मय, पाकपरस्त इतिहास रहा है ।
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मुंबई हमले के दो साल बाद अचानक उनको याद आता है कि हेमंत करकरे ने उनसे 26 नवंबर की शाम हिंदू चरमपंथियों से अपनी जान को खतरा बताया था । वे दो साल तक सोचते रहे कि इस टेलिफोन रिकार्ड का कब और क्या इस्तेमाल करना चाहिये । उनको यह वक्त सबसे ज्यादा मुफीद लगा जब यूपीए और कांग्रेस गले तक भ्रष्टाचार के कीचड़ में डूबी हुयी थी और प्रधानमंत्री जेपीसी से दूरी बनाने के बहाने तलाश रहे थे ।
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इस बात का क्या सबूत है कि हेमंत करकरे ने ठीक यही कहा था कि उनकी जान को हिंदू चरमपंथियों से खतरा है । शहीद हेमंत करकरे के जीवित रहते वे यह बयान देते तो इसका कोयी मतलब भी था । उनकी मृत्यु के बाद उनकी आत्मा यह गवाही देने आने से रही कि उस शाम मेरी उनसे क्या बात हुयी थी ।
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हो सकता है कि हेमंत करकरे ने कोयी दूसरी बात की हो । दिग्विजय सिंह जिनका की कोयी अधिकार नहीं बनता है एटीएस प्रमुख से किसी भी बातचीत का तो यह भी माना जा सकता है कि हेमंत करकरे प्रज्ञा ठाकुर मामले की जांच दिग्विजय सिंह के दिशा निर्देशन में कर रहे थे और इस जांच में दिग्विजय सिंह आर एस एस को भी लपेटने के लिये दिशा निर्देश दे रहे थे । इस षडयंत्र में कांग्रेस पार्टी मुख्यरूप से अपने राजनीतिक लाभ के लिये सम्मिलित थी क्योंकि यूपीए सरकार के दौरान देश में आतंकी गतिविधियों और देश के 40 प्रतिशत हिस्से में उपद्रव कर रहे नक्सलियों पर उनका कोयी बस नहीं चल रहा था ।
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उस दिन दोनो में क्या बातचीत हुयी ये सिर्फ वे दोनों ही जानते हैं । हेमंत करकरे की मृत्यु के पश्चात दिग्विजय सिंह उस शाम हुयी बातचीत का सिर्फ राजनैतिक लाभ लेते दिख रहे हैं क्योंकि यह कोयी साबित नहीं कर सकता कि दोनों के बीच क्या बातचीत हुयी । वे कुछ भी मनगड़ंत बात कह सकते हैं क्योंकि इसे साबित नहीं किया जा सकता है ।

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दिग्विजय सिंह का पुराना राजनैतिक इतिहास देखते हुये क्योंकि उन्होंने राजनीति की शिक्षा कांग्रेस के सर्वाधिक असत्यवादी नेता अर्जुनसिंह से प्राप्त की है (इन दोनों गुरू चेले ने एक वक्त मध्यप्रदेश की हालत बिहार से भी पतली कर दी थी और आज कांग्रेस मध्यप्रदेश में अपनी जमीन तलाशती फिर रही है) और इनकी हाल की राजनीति को देखते हुये यह साफ दिखाई देता है कि वे राहुल गांधी के एजेंडे ”सिमि और आरएसएस एक हैं” पर पूरी तनमयता के साथ काम कर रहे हैं । उन्हें इस काम के लिये कांग्रेस जरूर पुरस्कृत करेगी । मैडम सोनिया और राहुल जो बात खुले आम जनता में नहीं कह सकते (हालिया विकीलीक्स के खुलासे को याद करिये । अमेरिकी डिप्लोमेट से राहुल गांधी ने कुछ साल पहले कहा था कि देश को सबसे अधिक खतरा हिंदू चरमपंथियों से है) वह उनका यह भोंपू बड़ी ही बेशर्मी से कह देता है ।
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अभी दो दिन पहले ही इंकम टैक्स न्यायाधिकरण में स्व0 विन चढ्ढा के सुपुत्र टैक्स जमा न करने का एक मामला विधिवत हार गये । न्यायाधिकरण ने मय दस्तावेजों के यह साबित कर दिया कि क्वात्रोची के साथ विन चढ्ढा को भी बोफोर्स तोप की दलाली मिली थी और उन्हें इस दलाली में मिली रकम
पर टैक्स जमा करना चाहिये । एक तरफ सीबीआई (कांग्रेस ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन) ने यह अंतिम रिपोर्ट लगाई थी कि बोफोर्स घोटाले में कोयी सबूत नहीं मिले है, दूसरी तरफ न्यायाधिकारण पूरे दस्तावेजों के साथ कह रहा है कि मियां जी आपको इतना पैसा मिला है, टैक्स क्या आपके पिताजी ऊपर से आकर भरेंगे । जब सीबीआई कांग्रेस के कहने पर काम करती है तब एटीएस दिग्विजय सिंह के कहने पर सिर के बल नाच सकती है । इसलिये दिग्विजय सिंह का करकरे से फोन पर बात करना खुद कांग्रेस को मनमाफिक राजनैतिक लाभ लेने के लिये कटघरे में खड़ा करता है । चाहे उस शाम हेमंत करकरे ने दिग्विजय सिंह को फोन किया हो या फिर दिग्विजय सिंह ने एटीएस दतर में फोन किया हो, दोनों ही सूरतों में यह साफ हो जाता है कि दिग्विजय सिंह जांच को प्रभावित करने के लिये एटीएस प्रमुख से बात कर रहे थे । बाकी वो कुछ भी कहते रहें उसे साबित नहीं किया जा सकता है ।
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मैं सोचता हूं कि राष्ट्रपति भवन की वेबसाईट से कोयी एक फोन नं0 चुन कर फोन कर डालूं और मुगल गार्डन में खिलने वाले फूलों के बारे आधे घण्टे बात करूं और बाद में ब्लॉग पर सूचना डाल दूं कि राष्ट्रपति से मेरी कांग्रेस में बढ़ते भ्रष्टाचार पर खूब बातचीत हुयी । राष्ट्रपति कांग्रेस में बढ़ते घोटालों से बेहद परेशान हैं और मनमसोस कर रह जा रही हैं । आप क्या कहते हैं ।

4 comments:

आपका अख्तर खान अकेला said...

bhayi yeh diggi raaja hen or kai salon se raj paath se dur hi nhin bhut dur hen isliyen s ochne smjhne ki shkti pr asr pdh gya he. akhtar khan akela kota rajsthan

Shikha Kaushik said...

rochak abhivyakti .mere blog 'vicharonkachabootra'par aapka hardik swagat hai .

shubham news producer said...

Digvijay Media Mein Ane ke liye ye sab faltu ke bayan baji karte rahte hai.

apne ghar (MP) ko sambhal to nahi para raha duniya ko bewkuf banane nikla hai

Manoj Kumar Singh 'Mayank' said...

mishra ji vandematram
हिंगलिश में कमेन्ट करने का मन हुआ सो कर दिया,
दिग्गी रजा की खूब बखिया उघेड़ी है...आप उनके निर्वाचन क्षेत्र का पता करो और मैं हिंदू आतंकवाद के मुद्दे पर उनके विरुद्ध चुनाव लड़ता हूँ..धुल न छठा दिया तो कहियेगा...जय भारत जय इंडिया