साईं बाबा के कारनामों का पक्का चिटठा ...........
"ईश्वर का अन्याय"
वास्तव में इश्वर बरा ही अन्यायी है , आप जैसे महानुभावों को सिर्फ कुछ कारें , कुछ बंगले , कुछ करोर रुपये,
और उस बाबा के शयन कच्छ में ९० किलो सोना और ३०० किलो चांदी.
पर सच्चाई यह है कि अभी ऐसे ऐसे कम से कम १००० कमरे होंगे. क्योंकि मेरे पास बाबा के सभी कारनामों कि पक्की सुचना है , जो बिना इतना सोना चांदी हुए नहीं चलाए जा सकते.
कितना अफ़सोस है ये सब उन्होंने अपने पास रखा. यदि वे ये सब सरकार को दे देते , तो कितने ही ए राजा, कल्मारी , करुन्निदी उसमे से बनाये जा सकते थे.
जिससे मेरे अभिन्न मित्र के पास भी एक आध एक्स्ट्रा बंगला हो सकता था, जिन्हें अंदाजा ही नहीं है कि ९० किलो में कितनी चिरिया बनती हैं. (मेरा काम सोने का रहा है, किसी को बताना नहीं, कभी कभी वो चिरिया किसी किसी के द्वारा मेरे पास बिकने आती थी . एक चिरिया मैं तो दस ग्राम के हिसाब से लेता था . जबकि वो कम से कम २० ग्राम कि होती थी.
बाबा के कारनामों कि संछिप्त सूची क्योंकि कमेंट्स में शब्दों की सीमा है :
What made a man of miracles into a living God? Simply miracles can't take you to the Godliness. After all there are many who perform some or other sorts of miracles. But Satya Sai Baba lived his life for the people. He not only occupied the minds of the people but won their hearts, too, by taking up many social projects.
He supported a variety of free educational institutions, hospitals, and did other charitable works in over 166 countries. The Sri Sathya Sai Institute of Higher Learning (now changed to
Sathya Sai Baba chaired the Muddenahalli-
शेष लिंक पर :
http://worldisahome.blogspot.com/2011/06/blog-post_7159.html
मेरा तो विचार है , कि सरकार को अपना पैसा न देने के जुर्म में बाबा को मरणोपरांत भी मुकदमा चला कर सजा देनी चाहिए.
एक अनुरोध मेरे उन मित्र से भी क्योंकि मुझे पता है वो इसको परहेंगे अवश्य , कि दो-चार अच्छे बाबाओं के नाम भी तजबीज करें,(अपने अलावा), जिनके चरण छू कर हम अपने को धन्य करें.
1 comment:
आप का बलाँग मूझे आच्चछा लगा , मैं बी एक बलाँग खोली हू
लिकं है www.sarapyar
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