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22.6.11


* 1 = Blackmoney की बात तो ठीक , Blackmailing की बात नहीं ठीक |
  * 2 =  कुछ सुना आपने ? [IE 22/6/11] . अरविन्द बाबू लोकपाल के लिए देश के सकल राजस्व का एक चौथाई रक़म माँग रहे हैं | ज़ाहिर है , सरकार इतना ही राजस्व  वसूली पर खर्च कर देगी | फिर सरकार क्या घंटा हिलायेगी ? भ्रष्टाचार मिटाने के बहाने यह तो महा -भ्रष्टाचार की तैयारी है | हर्रे लगे न फिटकिरी ,रंग चोखा | चुनाव जीतने  का झंझट नहीं , PM ,CJ अपने  कब्ज़े  में और पराया माल अपना |
अच्छी रणनीति है | दिमाग वाला आदमी है यह IAS return | जब पैसा ही नहीं बचेगा तो नरेगा मनरेगा , विधायक -सांसद निधि , निर्माण कार्य भी नहीं होगा | भ्रष्टाचार अपने आप तिरोहित हो जायगा | चलो १६ अगस्त से अनशन में हम भी शामिल हों | अनशनकारी बुडढा तो कुछ समझता नहीं | गाँधी के चौथे बन्दर की तरह दिमाग बंद करके इनका मोहरा बना हुआ है , और भ्रम इतना बड़ा पाले हुए कि मानो इनके  अनशन से मर जाने पर देश में हाहाकार हो जायगा , जबकि कुछ होने वाला नहीं है | उसके कुछ अनन्य साथी ही उनका साथ नहीं देने वाले  हैं | अरविन्द - प्रशांत क्यों नहीं आमरण करते ? #

* 3 = मैंने अरविन्द केजरीवाल का नाम क्यों लिया ? क्योंकि यह सब उसी का किया कराया है | यह ड्राफ्ट  भी उसी का है | वह पहले श्री श्री से मिला ,फिर दोनों अन्ना से मिले और उन्हें बलिदान के लिए  राजी किया [I.E. 22/6/11]  |आप  जानते  ही  हैं , ऐसे कामों में गाँधी वादियों को बड़ा  मज़ा आता है |आगे आपको सब पता ही है |##

* 4 =  यह भी सर्व विदित है कि R.T.I. कानून के पीछे भी इसी व्यक्ति की मशक्कत थी | और वह कानून कुछ बड़े - बड़े लोगों की दुकानदारी बनकर अपना कितना उपयोग /दुरूपयोग करा रही है , देखने की बात है | वह भी विधायकों , सांसदों , पत्रकारों के अधिकारों का अनावश्यक फैलाव  था , जिस से अराजकता के अतिरिक्त कुछ हासिल नहीं हुआ | आगे लोकपाल बिल है | यही लोग नक्सलवाद  के समर्थक हैं , अब यही लोग शांतिपूर्ण नक्सलवादी हैं  #

* 5 =  यह बालक बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर का नाती बनना चाहता है |  अब आंबेडकर की पीड़ा ,वह समर्पण ,वह ज्ञान , वह अपने देश की समझ तो इसके  पास है नहीं , यह केवल  अंग्रेजी -किताबी शिक्षित भर है, पश्चिमी डिमोक्रेसी  का  | तो यह अकारण नहीं कि यह  आंबेडकर की तरह गाँधी के खिलाफ नहीं है , बल्कि एक गाँधी को ही पटाकर मरने के लिए बिठा दिया | बताइए आंबेडकर से बुद्धिमान है या नहीं | और बचपना तुनक मिजाजी तो देखिये - सब हमारी बातें मानो , ऐसा कानून बनाकर अभी दो ,  पर्लिअमेंट  में बहस की हमें फुर्सत नहीं | आंबेडकर ऐसा कर पाए थे क्या ?

* 6 = Lucknow 22,june |आज एक बुरी खबर और है |ICSE class IV की किसी किताब  में फिर मोहम्मद साहेब की तस्वीर छप गयी | मौलानाओं ने ऐतराज़ किया है और धमकी दी है | इस पर मैं  अपनी राय फिर बता दूँ | बच्चों की किताबों में तो चित्र और पाठों के  Illustrations  होंगे ही, होने ही चाहिए  | ऐसा बाल शिक्षण का मनोविज्ञान बताता है | तो जिस पाठ में अभिचित्रण संभव नहीं है उसे बच्चों की  किताबों  में लगाते ही क्यों हैं | अतः केवल  चित्र ही नहीं , वह पूरा पाठ ही कोर्स से क्यों नहीं निकाल देते ? सेकुलर देश में  धार्मिक शिक्षण के अभाव में छात्रों का कोई नुकसान नहीं होने वाला | इस्लाम की शिक्षा के लिए तमाम मदरसे हैं | हाँ , गणेश , हनुमान , राम ,रावण के खूब चित्र छापो ,जिस से बच्चों का मनोरंजन हो | उनका ,इस प्रकार ,पढ़ने में मन  लगे , और इसपर किसी को कोई आपत्ति भी नहीं है |   ##      

3 comments:

शिखा कौशिक said...

bahut sateek v sarthak prastuti .aabhar

Dr Dwijendra vallabh sharma said...

sorry sir , not agreed . he is demanding less than one percent of the gdp.but i think , the money is not matter, it may be less and lesser , according to the need. they said that its all dpt will have about 15000 worker in country,so it is not true that they demand one fourth of gdp. i support to anna and kesriwal . rti has helped us a lot , whoever is misusing rti that shoud be punished, but good things should be gone on.

Suresh Trehan said...

aap ka lekh para aisa laga ki aap
parle darje ke murkh hein. kaya desh
se bharstachar khatm nahi hona chahiye. app jese log jo jeeven mein
kuch kar nahi patee wo dusro ki bal
ki khal nikalte rahtee hein. such to
ye hai ki har bharstachari ko sark ke
beech goli mar deni chahiye aur unka
smarthan karne walo ko bhi.
ab aap usee naksali, aantakwadi kuch
bhi kahtee raho. ak anna ne himmat to ki, ak kejriwal aagee to aaya
aur ek aap hain jo ajj bhi conggres
ki dalali me lage hein.
thank you