* गुंडाराज तक तो हम पहुँच ही चुके थे | क्या बुरा है जो बाबाराज की ओर जा रहे हैं ?
[टीका]
* नक्सलियों ने राष्ट्रपति के वार्ता -प्रस्ताव को ठुकराया | [समाचार]
- वे कर्मशील समूह हैं , बातों में समय व्यर्थ नहीं करते | [टीप]
* जश्न-ए-हमारा गंज २५/६/११
आयोजकों को मुबारक | मुबारक तो हमें भी होना चाहिए था लेकिन कैसे हो ? हम हज़रतगंज तक कैसे पहुंचें ? अलीगंज से हम विक्रम टेम्पो पर सवार होते हैं | चालक कहता है - बहन जी थोड़ा आप आगे खिसकिये , भाई साहब आप पीछे होकर बैठिये | और इस तरह वह एक का जंघा दुसरे के पुट्ठे से सटाकर तीन की सीट पर चार सवारियाँ फिट कर देता है | जो कुछ कमी रह जाती है वह टेम्पो के झटके से पूरी हो जाती है |
तो यह है लखनऊ की तहजीब जिसे हम रोज़-ब-रोज़ झेलते हैं ,और इसी पर गर्व करने के कसीदे गाये जाते हैं | क्या कोई बताएगा ऐसा कैसे हो रहा है ? किसकी मिली भगत से यह चल रहा है ? जब कि ऐसा पहले न था | निश्चय ही तेल के दाम बढ़े , तो उसी हिसाब से किराया भी तो बढ़ता रहा | और भरती रहीं जेबें किसकी किसकी | क्या इसके लिए भी कोई जन - यातायात -प्रबंध पाल बिल की ज़रुरत है ? ##
0 कृष्णावतार
होगा क्या लोकपाल
भ्रष्ट नाशक ? (हाइकु)
0 कुछ चाहिए
मुद्दे नेता बनने
को युवाओं को
जयप्रकाश
हों बाबा रामदे या
अन्ना हजारे । (हाइकु)
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