* बुरा न मानिये तो अन्ना टीम भी एक नौटंकी में तब्दील हो चुकी है | ८ जून को वह बाबा रामदेव के समर्थन में धरने/अनशन पर बैठे | सोचने की बात है , यदि उन्हें बाबा से बड़ी सहानुभूति थी तो उन्होंने बाबा को अपनी टीम में क्यों नहीं शामिल किया ? बाबा तो जंतर मंतर गए भी थे | यदि उनकी मांग वाजिब थी तो उसे भी अपनी मांगों में शामिल कर लेते ,तो बाबा को सामानांतर आन्दोलन रामलीला मैदान में न करना पड़ता , न ४ जून की अनावश्यक घटना होती |##
* एक बुज़ुर्ग दिवंगत दार्शनिक शायर की कविता है कि :
" जहाँ स्वाधीनता के दो पुजारी युद्ध करते हों , वहां समझो अभी बाक़ी ग़ुलामी की निशानी है |"
वहां कवि का आशय गाँधी - सुभाष के बीच मतभेद , तनातनी से था , जब कि दोनों ही भारत की आज़ादी के लिए कृत संकल्प थे | अब वही बात इन दोनों योद्धाओं पर लागू नहीं होती क्या ? ###
* सब व्यवसाय है , व्यापार | सरकार खादी वस्त्रों पर सब्सिडी देती है , उसी प्रकार उसने अन्ना को सरकारी कार्य में नियुक्त कर लिया , भले अब वह सरकार के गले की हड्डी बन गयी | रामदेव , चूंकि स्वयं सफल -समृद्ध उद्योगपति हैं ,इसलिए उसने इनसे कोई पी.पी.पी. नहीं किया | ये सब व्यापार के लक्षण हैं या नहीं ?##
* मनोरंजन के लिए एक बदमाशी की बात यूँ ही दिमाग में सूझ रही है | अपनी कुछ ऐसी ही हवाई मांगों को लेकर बाबा के तर्ज़ पर ,आगे के समय में कोई टाटा या बाटा कहीं अनशन पर बैठ जाएँ , मसलन इसलिए कि उन्हें उद्योग के लिए ज़मीनें दी जाएँ , निर्यात का शुल्क माफ़ हो , या कानून बनाकर हर सरकारी कर्मचारी को बाटा के जूते पहनना अनिवार्य किया जाय , तो कल्पना करने में क्या हर्ज़ है कि तब कैसी स्थिति होगी ? ####
3 comments:
वाह वाह कितनी पते की बात कही\लगता है भारत के लोगों मे अभी सच कहने का साहस बचा हुया है। वर्ना बाबा ने तो सब को अनुलोम विलोम मे उलझाये रखा और खुद धन इकट्ठाआ करते ब्रहे किसी को कानो कान खबर भी नही हुयी इतने बडी साम्राज्य की शुभकामनायें।
बाबा को पता था कि अन्ना मंडली उन्हें पचाने को तैयार नहीं है और अन्ना को भी पता था कि उन्हें बाबा की बातें नहीं पच पाएंगी, इस कारण एक ही उद्देश्य के लिए अलग अलग चल पडे, बाबा के पास योग के माध्यम से और विशेष धार्मिक मान्यता के लोग थे तो अन्ना के पास तथाकथित बुद्धिजीवी, भला पटरी कैसे बैठती
Madam Nirmala Kapil & Dear Teesri Aankh !
Thanks ,too much ,for positive comments .
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