अगर कोई बात गले में अटक गई हो तो उगल दीजिये, मन हल्का हो जाएगा...
" अल्फ़ाज़ - ज़ो पिरोये मनसा ने ": ताउम्र कोसता रहेगा , हाथ लकीरों को :(
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