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10.7.10

निशंक के नेतृत्व में होंगे 2012 के विधानसभा चुनाव : गडकरी

अपनों को ही नहीं पच पा रही है निशंक की कामयाबी
कुशल वित्तीय नियोजन, महाकुंभ सरीखी बड़ी उपलब्धियां तक है उनके खाते में।

राजेन्द्र जोशी
देहरादून । भारतीय जनना पार्टी मे अपने किसी नेता की उपलब्धियों को उदारता के साथ स्वीकारने की क्षमता का अभाव है। इसके विपरीत कांग्रेसी अपने नेता की उपलब्धियों की छत्रछाया सबकी वैतरणी पार लगाने की कोशिशों में लगे रहते है। कांग्रेस व भाजपा के इसी मूलभूत अंतर की वजह से कांग्रेसी सियासी माइलेज लेने में भाजपा से कई कदम आगे है।
उत्तराखण्ड में नारायण दत्त तिवारी चाहे जितने भी विवादों से घिरे रहे लेकिन कांग्रेसी पण्डित जी की राजनीतिक कद काठी का हमेशा लाभ उठाते रहे। उनके राष्ट्रीय व्यक्तित्व की छत्रछाया में कांग्रेस ने उत्तराखण्ड मे पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा किया। इधर, भारतीय जनता पार्टी में डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक के मुख्यमंत्री का पदभार ग्रहण करने के बाद जितनी तेजी से प्रदेश का विकास हुआ और जितनी उपलब्धियां उनके द्वारा अर्जित की गई उतना कोई कांग्रेसी मुख्यमंत्री करता तो सारे कांग्रेसी उनके पीछे लामबंद हो जाते। भाजपा में मुख्यमंत्री डॉ. निशंक की सक्रियता व उपलब्धियों से अंदरूनी खींचतान और बढ़ती नजर आ रही है। भाजपा नेताओं में इस बात को लेकर अधिक चिंता है कि कहीं डॉ. निशंक अंगद की तरह अपना पांव न जमा लें। उनकी उपलब्धियों को उदारता से स्वीकारने के बजाए उनकी टांग खिंचाई में ज्यादा ऊर्जा लगाई जा रही है।
भाजपा को भी सरकार चलाने के लिए कांग्रेस से सीख लेनी चाहिए कांग्रेसियों में चाहे कितनी ही अन्र्तविरोध क्यों न हो सत्ता के लिए वे एकजुट रहते हैं। भाजपा नेताओं को इस समय डॉ. निशंक की ऊर्जा, सक्रियता, राजनीतिक कौशल का लाभ लेते हुए भविष्य की राह तलाशनी चाहिए। मिशन 2012 सामने है, उसकी सफलता के लिए सभी को एकजुट हो जाना चाहिए।
डॉ. निशंक ने कुशल विश्रीय नियोजन का परिचय देते हुए 13वें वित्त आयोग से ने केवल प्रशस्ति प्राप्त की वरन् पुरस्कार स्वरूप एक हजार करोड़ की अतिरिक्त धनराशि भी उत्तराखण्ड के खाते में शामिल करवाई। राज्य गठन के समय जहां प्रदेश की विकास दर 2.9 प्रतिशत थी वह अब बढकर 9.5 प्रतिशत हो गई जो कि राष्ट्रीय विकास 8.6 से कई अधिक है राष्ट्रीय विकास दर में उत्तराखण्ड ने 28 प्रदेशों में तीसरा स्थान प्राप्त किया है जो कि इस नवोदित राज्य के लिए गौरवपूर्ण उपलब्धि ही कहा जाएगा।
यहीं नहीं राज्य गठन के समय जो प्रति व्यक्ति वार्षिक आय 15000 रूपए थी। वह अब बढकर 42000 रूपए हो गई है। योजना आयोग से पहली बार किसी सरकार द्वारा तैयार की गई वार्षिक योजना के परिव्यय को ज्यों का त्यों अनुमोदित कराना निशंक सरकार की एक गौरवपूर्ण उपलब्धि है। वर्ष 2012-11 के लिए 6800 करोड रूपए की वार्षिक योजना मंजूर कराई जो कि गत वर्ष की तुलना में 1225 करोड़ अधिक है।
इस सदी के सबसे विराट पर्व कुंभ मेले के सफ ल आयोजन का श्रेय भी डॉ. निशंक के खाते में गया। पूरी दुनिया इस मेले की सफ लता की तारीफ कर रही है। लेकिन प्रदेश के कई भाजपा नेताओं के मुहं सिले हुए हैं।
कुंभ मेले में 140 देशों के लगभग 8 करोड़ से अधिक लोगों ने स्नान किया। 250 वर्ष बाद सभी अखाड़ों की शाही स्नान में भागीदारी हुई। कुंभ मेले में 80 प्रतिशत निर्माण कार्य स्थाई प्रकृति के हुए। पहली बार भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और उत्तराखण्ड अंतरिक्ष उपयोग केंद्र (यूसेक) द्वारा श्रद्धालुओं की वैज्ञानिक गणना की गई। इस गणना से साबित हुआ कि एक करोड 63 लाख श्रद्धालुओं ने मुख्य शाही स्नान 14 अप्रैल 2010 को गंगा स्नान का पुण्य अर्जित किया।
इतना ही नहीं हिन्दू धर्म की अटूट आस्था की प्रतीक पतित पावनी गंगा की निर्मलता व अविरलता के लिए निशंक सरकार ने स्पर्श गंगा अभियान शुरू किया। इस अभियान के लिए प्रख्यात नृत्यांगना व सिने तारिका हेमामालिनी को ब्रांड एम्बेसडर नियुक्त किया गया। हेमा मालिनी के इस अभियान से जुडने से गंगा स्वच्छता अभियान धरातल पर दिखेगा। एन. एस. एस., एन. सी. सी., युवक मंगल दल, महिला मंगल दल सहित विभिन्न स्वयंसेवी संस्थाओं के इस अभियान से जुड़ जाने से यह एक जनांदोलन का रूप ले सकेगा।
प्रदेश के अन्तिम छोर पर खड़े व्यक्ति तक विकास पहुंचाना निशंक सरकार की प्राथमिकताओं में है इसके लिए अटल आदर्श ग्राम योजना शुरू की गई है जिसके तहत पहले चरण में 670 न्याय पंचायत मुख्यालयों का विकास केंद्र के रूप में चयन किया गया है।
ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक सामाजिक एवं अवस्थापना सुविधाओं का विकास कर इन गांवों को आदर्श गांव के रूप में विकसित करना सरकार का लक्ष्य है। वहीं देश के बड़े औद्यौगिक घरानों द्वारा उत्तराखण्ड में स्थापित बडे औघोगिक समूह युवकों को प्रशिक्षण देकर नौकरी भी दे रहे है। इनमें हिन्दुजा समूह, गॉडविन ग्रुप, टाटा समूह, रेलिगेयर, विप्रो, हीरो हॉण्डा आदि शामिल है। उत्तराखण्ड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में चयनित गरीब प्रतिभाशाली 1000 छात्रों को विश्व स्तरीय चार वर्षीय मैन्युफैक्चरिंग इंजीनियरिंग का प्रशिक्षण अशोक लीलैण्ड के प्लांट में दिया जा रहा है। इन्हें 5500 रूपए छात्रवृश्रि भी दी जा रही है और प्रशिक्षण पूरा होने पर सेवायोजित भी किया जाएगा। इसके अलावा ’निशंक’ सरकार ने जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने के लिए अनुपम पहल नाम से 14 कल्याणकारी योजनाओं को शुरू किया है।


निशंक के नेतृत्व में होंगे 2012 के विधानसभा चुनाव : गडकरी
देहरादून .. राजधानी में शुक्रवार सुबह भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी तथा राज्य के मुख्यमंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक एक साथ पत्रकारों से बातचीत करने पहुंचे तो साफ हो गया कि सब कुछ ठीक ठाक है। राष्ट्रीय अध्यक्ष ने राज्य सरकार पर लगे आरोपो को खारिज करते हुए न सिर्फ मुख्यमंत्री को क्लीन चिट दी बल्कि उनकी कार्य प्रणाली की भी जमकर सराहना की।
देहरादून पहुंचे भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने मुख्यमंत्री बदले जाने की अटकलों पर विराम लगा दिया है। गडकरी ने कहा कि मीडिया निशंक को मुख्यमंत्री पद से हटाने की अफवाह फैला रहा है जबकि पार्टी ने इस तरह का कोई फैसला लेने पर कभी विचार ही नहीं किया। उन्होंने कहा कि निशंक राज्य में सर्वाधिक स्वीकार्य नेता है। उनके नेतृत्व में सरकार तथा संगठन बेहतर काम कर रहा है। गडकरी ने कहा कि उन्होंने मंत्री मण्डल के सदस्यों, विधायकों तथा दायित्वधारियों से अलग-अलग मिलकर बात की है। सभी निशंक के नेतृत्व में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि निशंक पर कांग्रेस द्वारा लगाये गये आरोप बेबुनियाद है। खुद उन्होंने उन आरोपों की जांच की है। गडकरी ने निशंक के कार्यो की सराहना करते हुए कहा कि उनके कार्यो का लोहा मानते हुए योजना आयोग ने उन्हें एक हजार करोड़ रूपये बोनस तथा राज्य की वार्षिक योजना में 1250 करोड़ रूपये का इजाफा किया है। गडकरी ने कहा कि निशंक के राज में उत्तराखण्ड उतरोत्तर विकास कर रहा है। इसलिये निशंक को बदले जाने का सवाल ही नहीं उठता।



भाजपा सरकार उनके नेतृत्व में पूरा कार्यकाल पूरा करेगी।
पैकेज में कटौती राज्य के साथ धोखा: गडकरीनिशंक ही रहेंगे मुख्यमंत्री: नितिन

देहरादून । उत्तराखण्ड को मिलने वाले औद्योगिक पैकेज में कटौती किए जाने को लेकर भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने केंद्र सरकार को आडे हाथों लेते हुए इस कटौती को राज्य के साथ धोखा करार दिया है। उन्होंने पैकेज में कटौती के कारण राज्य में औद्योगिक पिछड़ेपन की आशंका व्यक्त कि है। गडकरी ने पैकेज बढ़ाने के लिए तीव्र लड़ाई लडने का आश्वासन दिया।
राजपुर रोड स्थित एक होटल में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा कि हिमाचल तथा उत्तराखण्ड के साथ केंद्र सरकार धोखा कर रही है। औद्योगिक पैकेज में कटौती इसका ताजा उदाहरण है। गडकरी ने कहा कि औद्योगिक पैकेज में कटौती से उश्रराखण्ड में उद्योगों के पिछडऩे की आशंका बढ़ गई है। केंद्र सरकार ने जल्द पैकेज जारी नहीं किया तो राज्य में नए उद्योगों क ी स्थापना में रोड़े खड़े हो सकते है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के इस सौतेलेपन के खिलाफ भाजपा अपनी लडाई को तेज करेगी। देश भर में आसमान छू रही महंगाई को लेकर गडकरी ने कहा कि इस मुद्दे पर एनडीए ही नहीं समूचा विपक्ष एकजुट है। भाजपा इस मुद्दे पर देश भर में केंद्र सरकार के खिलाफ माहौल तैयार करेगी। गडकरी ने जसवंत सिंह की पार्टी में वापसी पर पूछे गए एक सवाल के जवाब में कहा कि उन्हें पार्टी से निकालने का फैसला दुर्भाग्यपूर्ण था। भाजपा ने अपनी भूल सुधार कर उनकी पार्टी में वापसी कराई है। राज्य सरकार पर स्टर्डिया डेवलेपर्स को भूमि आवंटन तथा जल विद्युत परियोजनाओं के आवंटन पर लगे आरोपों को खारिज करते हुए गडकरी ने निशंक को पाक साफ बताया। उन्होंने कहा कि राजनीति में विपक्ष का काम आरोप लगाना है। उन्होंने मुख्यमंत्री को बदले जाने कि अटकलों पर विराम लगाते हुए कहा कि निशंक के नेतृत्व में भाजपा अपना कार्यकाल पूरा करेगी। 2007 के विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा कांग्रेस पर लगाए गए 56 घोटालों की जांच में देरी के लिए उन्होंने जांच आयोग को दोषी बताया। जनाक्रोश रैली में आतंकवादी अफ जल गुरू को कांग्रेस का दामाद कहने पर उन्होंने कहा कि इस मामले में माफ ी मांगने का सवाल ही नहीं उठता।
पत्रकार वार्ता के दौरान मुख्यमंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक तथा प्रदेश अध्यक्ष बिशन सिंह चुफाल के साथ ही प्रदेश प्रवक्ता मुकेश महेन्द्रा, सह प्रवक्ता सतीश लखेडा, दीप्ती रावत समेत भाजपा के कई पदाधिकारी मौजूद रहे।

मुगालते में न रहें मंत्री व विधायक, कट सकता है टिकट
देहरादून । जनाक्रोश रैली में शिरकत करने देहरादून पहुंचे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी ने निशंक मंत्री मंडल की जमकर क्लास ली। गडकरी ने साफ किया कि मंत्री हो या विधायक इस मुगालते में न रहेें कि उनका टिकट पक्का हैै। गुटों में बंटे विधायकों को भी गडकरी ने साफ कर दिया कि गुट नहीं पार्टी के कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने पर ही टिकट मिल सकता है। उन्होंने यह भी साफ किया कि पांच बार सर्वे करने के बाद पास होने वाले विधायकों और मंत्रियों को ही टिकट दिया जायेगा।
जनाक्रोश रैली को संबोधित करने के बाद राज्य सरकार के मंत्रीमंडल तथा विधायकों से वन टू वन भेंट कर पार्टी के मुखिया ने मंत्रियों तथा विधायकों की कई गलत फहमियां दूर की। गडकरी ने निशंक की टीम को सख्त हिदायत दी कि इस गलत फहमी में न रहे कि उनका टिकट पक्का हैै। पार्टी और जनता के लिए काम करने वाले नेताओं को ही पार्टी टिकट देगी। आकाओं के सहारे टिकट पाने वाले नेताओं को गडकरी ने कहा कि ऐसा करने वाले आकाओं को ही किनारे कर दिया जायेगा। गुटों में बंटें रहने वाले नेताओं के लिए भी गडकरी की क्लास काफी कडक़ रही। गडकरी ने चेताया कि पार्टी की बजाय गुटों में रहने वाले नेताओं पर भी अब गाज गिरेगी। ऐसे नेताओं के खिलाफ पार्टी सख्त कदम उठायेगी। गडकरी ने टिकट पाने के लिए लक्ष्मण रेखा खींचते हुए कहा कि अब टिकट पाने के लिए कई मानकों पर खरा उतरना पडेगा। गडकरी ने मंत्रियों और विधायकों के लिए टिकट पाने की जो शर्त रखी है। उसमें उनकी कार्यप्रगति, कार्यकर्ताओं के प्रति व्यवहार, कार्यप्रणाली, अपने विधानसभा क्षेत्रों में लोक प्रियता, उपस्थिति, पार्टी के प्रति सर्मपण तथा जनता का उनके बारे में धारणा जैसे विषय शामिल है।
पार्टी प्रमुख ने कहा कि मंत्री और विधायकों की कार्य प्रगति पर पांच बार सर्वे करने के बाद ही टिकट दिया जायेगा। इसके लिए सभी सर्वेक्षणों में पास होना जरूरी होगा। मुख्यमंत्री को सहयोग नहीं करने वाले मंत्री और विधायकों को आंखे दिखाते हुए गडकरी ने कहा कि मुख्यमंत्री के मिशन की राह में रोडे अटकाने वाले मंत्री या विधायक को बाहर का रास्ता दिखा दिया जायेगा। गडकरी ने राजनैतिक अस्थिरता का माहौल बनाने वाले पार्टी से जुडे पदाधिकारियों को भी साफ कर दिया कि निशंक अपना कार्यकाल ही पूरा नहीं करेंगे बल्कि 2012 का विधानसभा चुनाव भी उन्हीं के नेतृत्व में लडा जायेगा।

1 comment:

jagmohan said...

कांग्रेस को भी नहीं पच पा परही है निशंक की कामयाबी
(हद हो गई कोशियारी जी)
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पिछले दिनों गडकरी देहरादून में थे। मौका था भाजपा की 'जन आक्रोश रैली'। जिसमें गडकरी के साथ मंच पर राज्य के मुख्यमंत्री निशंक,पूर्व मुख्यमंत्री खंडूडी और कोशियारी जी मौजूद थे। इन सभी नेताओं ने मंच से अपनी-अपनी बारी आने पर केंद्र सरकार मंहगाई के खिलाफ केंद्र सरकार पर हमला बोला। जरनल खंडूडी में अपने रुतबें के अनुसार राज्य के भुतपूर्व सैनिकों की बात रखी और जय भारत जय उत्तराखंड का नारा बोल कर अपनी सीट पर जाकर बैठ गए।
इसके बाद इस मंच से संबोधित करने की बारी आयी भगत दा की...भगतदा अपनी उम्र से परे बड़े जोश के साथ मंच पर आए और कुछ इस कदर बोलते रहे की...मनो उत्तराखंड की राजनिति में उन्हें खुद की वैतरणी पार लगानी हो। उन्होंने गडकरी के सामने इस कदर चापलूसी का पदार्पण किया मानों गडकरी उन्हें यहां कोई सम्मान देने आए हो...भगतदा की भाषा कुछ इस कदर थी कि..मैं तो आपको पुराना सैनिक हूं...मुझे तो आपकी छत्रछाया में अपना आगे का जीवन गुजारना है। आप हमारे लिए एक ऐसा आर्दश हैं,जो हम आपकी लीक पर चलकर अपनी राह बना लेगें। गडकरी जी मुझे उम्मीद हैं,मेरे जैसे छोटे से कार्यकर्ता को आप अपने समुख कुछ करने का मौका देगें...लेकिन लगता हैं,गडकरी जी ने भगतदा का अनुरोध सुना नहीं और वह देहरादून में ही पुखता तौर पर बोल गए की 'निशंक के नेतृत्व में होंगे 2012 के विधानसभा चुनाव'और भगतदा तालियां बजाते रहे गए।
निशंक की कई उपलब्धियों को देखते हुए कांग्रेस के कुछ आदरणीय-वरिष्ठ नेता घबरागए है। जिसके चलते आज कल वह निशंक पर वार पर वार किए जा रहे है। यही नहीं खबर तो यह भी हैं कि देहरादून में भाजपा के कुछ वरिष्ठों द्वारा कुछ चुनिदा पत्रकारों को शराब-कबाब की पार्टियां दी जा रही है। पुरस्कार स्वरूप इन पत्रकारों को तन-मन-धन से नवाजा जा रहा हैं,ताकि वह निशंक के खिलाफा एक ऐसा अभियान चालने में इनका सहयोग करें की,निशंक को चहू दिशाओं से घेरा जाएं...और मिशन 2012 से निशंक को रोका जाएं।
यह सिर्फ कांग्रेस के स्तर से ही नहीं हो रहा है। बल्कि भाजपा के भीतर खाने कुछ माननीयों के माध्यम से भी यह खुला खेला देहरादून में इन दिनों चल रहा है। अब देखने वाली बात तो यह होगी की निशंक कांग्रेस के खिलाफ और कुछ अपने ही आदरणीयों के खिलाफ इस लडाई को कैसे लड़ते है...क्योंकि यह उनके समुख इस समय सबसे बड़ी चुनौती के रूप में हैं। जिसे उन्हें राज्य की विकास यात्रा के साथ लड़ना ही होगा।
- जगमोहन 'आज़ाद'