वीरेंद्र सेंगर की कलम से
उत्तर प्रदेश में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अपने खास ‘वोट बैंक’ की राजनीतिक कवायद तेज कर दी है। ठीक उसी तरह जैसे कि बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुस्लिम वोट बैंक को बांधे रखने के लिए ‘बलिदानी’ तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। इन दोनों राज्यों में कांग्रेस नए सिरे से अपना जनाधार बढ़ाने में लगी है। उसकी खास उम्मीद मुस्लिम वोटों पर टिकी है। मुलायम यह अच्छी तरह समझ रहे हैं कि उत्तर प्रदेश में कांग्रेस वाकई में ‘सेहतमंद’ हुई तो इसकी सबसे ज्यादा कीमत उनकी पार्टी को ही चुकानी पड़ सकती है। उन्हें सबसे ज्यादा खतरा मुस्लिम वोट बैंक से हो गया है। मुसलमानों को रिझाने के लिये ही उन्होंने ‘माफीनामे’ का दांव चला है। उन्होंने मुसलमान भाइयों से सवा साल पीछे की गई ‘गलती’ के लिए माफी चाही है। ‘माफीनामे’ में सपा सुप्रीमो ने कहा है कि पिछले वर्ष लोकसभा के चुनाव में उन्होंने कुछ गलत तत्वों (कल्याण सिंह) का साथ ले लिया था। इससे आपको जो मानसिक कष्ट पहुंचा, उसका दुख है। माफ कर दो। आगे से ऐसी भूल नहीं होगी। पूरा पढ़े बात-बेबात पर
16.7.10
हमका माफी दै दो, हमसे गलती ह्वै गयी
Labels: subhash rai
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