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28.7.10

डॉ.रमेश पोखरियाल निशंक का मिशन 2012

पिछले दिनों बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व ने जिस तरह से उत्तराखंड में अपने युवा मुख्यमंत्री और कार्यकर्ताओं की पिठ थपथपायी इससे साफ जाहिर हो जाता हैं कि डॉ.निशंक निश्चित तौर पर उत्तराखंड राज्य को विकास की दिशा में ले जा रहे। शायद यही वजह भी हैं कि बीजेपी के कुछ वरिष्ठ जिनके पास कई वर्षों तक उत्तराखंड की कमान रही है। निशंक की सफलता से घबरा गए है। शायद यही वजह भी हैं, की ये माननीय खुद ही निशंक की विकास यात्रा में रोड़ा बन रहे है। लेकिन दिल्ली में बीजेपी कार्यलय में पत्रकारों के साथ एक औपचारिक वर्ता में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष नितनी गडकरी ने यह कहते हुए साफ कर दिया की,उत्तराखंड में विकास हो रहा है...और जनता बीजेपी के कार्यों की सराहना कर रही है...इसलिए किसी भी व्यक्ति पर सवाल नहीं किया जा सकता है।
यकीनन यह सब जानते है कि नवोदित राज्य उत्तराखण्ड के अस्तित्व में आने के बाद से राज्य की वित्तीय ढाँचे के चरमराने की आशंकाएं समय-समय पर उठती रही लेकिन सूबे के मुखिया डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक विकास के जिस रथ पर सवार होकर आगे बढ़ रहे हैं। उसने उन तमाम आशंकाओं को सिरे से खारिज कर दिया आखिरकार उत्तराखण्ड के विकास के लिए उनके द्वारा तैयार किए गए ‘रोड मैप‘ पर पूरे देश का ध्यान गया है।चहुमुंखी व चतुर्दिक विकास, कानून का शासन और सहभागी लोकतंत्र की जिस मूल अवधारणा‘ को डॉ. निशंक ने उत्तराखण्ड में प्रतिपादित किया, प्रदेश के अन्य राज्य विकास के लिए उनके प्रयोगों को अपने राज्यों में क्रियान्वित करने के लिए आतुर दिखते हैं। शायद इसी लिए भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों के ‘सुराज संकल्प सम्मेलन मुंबई‘ में विकास के उनके मॉडल को सराहा गया और उनके सुशासन को अनुकरणीय उदाहरण बताया गया। इसी सदी के विराट पर्व ‘महाकुंभ 2010‘ की निर्विघ्न सम्पन्नता पर जहाँ डॉ. निशंक की बेहतर प्रबंधन के लिए पीठ थपथपाई गई वहीं देववाणी संस्कृत को द्वितीय राजभाषा का दर्जा देने पर उनके इस ऐतिहासिक प्रयोग की मुक्त कंठ से प्रशंसा भी की गई।उत्तराखण्ड जैसे नये राज्य में जहाँ आर्थिक संसाधनों का पूर्णतयाः अभाव है। वहां वित्तीय नियोजन में दक्षता मायने रखती है। डॉ. निशंक के बेहतर वित्तीय प्रबन्धन को देखते हुए 13 वें वित्त आयोग ने उत्तराखण्ड को एक हजार करोड रूपये की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की है। यह अपने आप में एक मिसाल है। प्रदेश के कर्मचारियों के लिए छठे वेतनमान कि सिफारिशें लागू हुई जिसके कारण प्रदेश पर 2500 करोड का अतिरिक्त वित्तीय भार आया इसके बावजूद सरकार ने जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया इसके विपरीत रोजमर्रा की उपभोग की सामग्री,अनेकों दैनिक उपयोग की वस्तुओं पर वैट की दरें घटा दी ‘विजन 2020 का क्रियान्वयन‘ डॉ. निशंक सरकार का ड्रीम प्रोजेक्ट है। जिसमें तीर्थाटन, पर्यटन, आयुष, जडी-बूटी कृषिकरण गौ, गंगा व संस्कृति का संरक्षण, संस्कृत देवभाषा का उन्नयन, सूचना प्रौघोगिकी के विकास के साथ-साथ प्रदेश के अन्तिम छोर पर खडे व्यक्ति को सुखी, सम्पन्न व खुशहाल बनाने की शीर्ष प्राथमिकता है।डॉ. निशंक का मामना है कि ‘विकास एक सतत प्रकिया है। उत्तरोत्तर विकास हमारी प्राथमिकता है। जहाँ तक खरा उतरने का सवाल है हम कभी भी विकास के पैमाने पर अपने आप को तब तक संतुष्ट नहीं मानेगें जब तक विकास की किरण पहाड के सुदूरवर्ती क्षेत्रों के आम व्यक्ति तक न पहुंचे जाए यह एक कठिन व श्रम साध्य प्रक्रिया है।
निश्चित तौर डॉ.निशंक अब अपने कार्यकर्ताओं के साथ अपने नये मिशन पर निकल गये है। उन्होंने बीजेपी के वरिष्ठ एवं कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए हैं कि वह ग्रामिण स्तर,ब्लॉग स्तर और जिला स्तर पर जाकर लोगों की समस्याएं जाने ही नहीं बल्कि उनका तुरंत निपटार भी करे। पहाड़ के दूर-दराज के क्षेत्रों में लोगों को किस तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उसका पूरा लेखा-जोखा मगाया जा रहा है। पंचायत और इनसे जुड़े लोग किस तरह से अपना कार्य कर रहे हैं। इसकी रिपोर्ट तो डॉ.निशंक पहले से ही मगाते रहे है,लेकिन इस दिशा में और तेजी लायी जा रही है। इसके साथ ही...उत्तराखंड के गरीब और युवा बेरोजगारों की आज के समय में क्या स्थिति है.इसका ब्योरा जुटाया जा रहा है. ताकि जो जरूरतबंद हैं,उनको मदद पहूंचायी जा सके।
डॉ.निशंक खुद कभी भी किसी भी समय किसी भी अधिकारी से उसके अधिन होने वाले कार्यों की रिपोर्ट मांग रहे है। यहां तक वह उत्तराखंड के किसी भी गांव में फोन के माध्यम से या औचक दौरा कर उस गांव के लोगों को मिलने वाली सुविधाओं के बारे में जानकारी जुटाने में लगे है। डॉ.निशंक का मनना हैं कि हम अंतिन छोर पर रह रहे व्यक्ति के चेहरे पर मुस्कान देखना चाहेते। इसलिए हम उस हर काम को जल्द से जल्द निपटाना चाहते है...जो आम लोगों से जुड़ा है।
शायद यही वजह हैं कि उत्तराखं में बीजेपी के कार्यकर्ताओं और सरकारी अधिकारियों में जोश की लहर दौड़ रही है। हर को जनता के साथ खड़ा हुआ देखा जा सकता है। फिर चाहे वह पिछली सरकार के लंबीत मामले हो,या फिर सरकार से जुड़े कोई दूसरे कार्य हर व्यक्ति को निशंक सरकार में सम्मान के साथ उसका काम पूरा कर दिया जा रहा है। दूसरी तरफ उत्तराखंड के युवा बेरोजगार भी डॉ.निशंक के कार्यों की सराहना करते हुए देखे जा सकते है। जिस तरह से निशंक सरकार इन इन बेरोजगार युवाओं के लिए उन्हीं के क्षेत्र रोजगार के द्वारा खोले है...उससे इन युवाओं के मुंख से यहीं सुनायी दे रहा हैं की....मिशन 2012 निशंक के साथ होगा...वोट हमारा।

यकीनन यह डॉं.निशंक के लिए एक सुफल बात हो सकती है। लेकिन वह इसे विकास के साथ आगे ले जाने की बात करते है। डॉ.निशंक कहते है,मैं पहाड़ से हूं,और पहाड़ों की ऊंचाई हर कोई नहीं नाप सकता है,निसंदेह यह इस युवा सोच का बड़पन ही है...जो खुद को ज़मीन से जुड़े रखने की बात कर रही है...और यही सोच एक दिन उत्तराखंड के विकास-रोजगार-सम्मान और श्रेष्ठता के लिए चुने जायेगें...।
जगमोहन 'आज़ाद'

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