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14.7.10

हो रहा गली कूचे में नशा का अवैध कारोबार












सिवनी ।इस शहर में धीरे-धीरे अपराध और जुर्म मजबूती से अपनी जड़ें जमाने लगा है काले धंधे और उन धंधों से जुड़े कारनामें सरपरस्त दिनों दिन अपने दो नंबर के धंधों और अपने काले साम्राज्य को मजबूती से खड़ा कर रहे हैं शहर में हर तरफ काले काम अपराध और जुर्म परवान चढने लगे हैं और उन्हंी जुर्म में व्यापार भी अहम है शहर में गाँजे के शौकीनों को चाहे जहाँ चिलम खींच के धुँआ उड़ाते देखा जा सकता है इन की तादाद में दिनों दिन वृद्धि होती दिखाई दे रही है सवाल यह है कि यह मादक पदार्थ मिलता कहाँ से है कौन उपलब्ध कराता है जब गाँजे के शौकीनों की तादाद बहुत ज्यादा है तो इन्हें बड़ी आसानी से यहाँ उपलब्ध भी होता होगा। इस मादक पदार्थ के हो रहे धंधों की कहानी शहर ने गाँजे का अवैध कारोबार दिनों दिन बिना रोक टोक पूर्ण शिद्दत से फल फूल रहा है और साथ ही इसमें लिप्त लोगों की किस्मत जो इस धंधे में गाँजे की तस्करी कर लाभ कमा रहे हैं इस नामुराद धंधों में एक नही कई गिरोह सक्रिय है आये दिन इस नशे की लत में एक नया युवा जुड़ रहा है जिसमें खासकर युवा वर्ग का समावेश अधिक है यह धंधा शहर में मजबूती से अपनी जड़ें जमा रहा है।
महानगरों की तर्ज ड्रग्स का फैल रहा कारोबार
नगर में इन दिनों एक कश के जुगाड़ में नवयुवक सुबह से शाम और शाम से रात तक इधर से उधर और कुछ भी करने को तैयार खड़े है कारण सिर्फ इतना है कि यह कश जो एक बार पी लेता है वह उसका आदी हो जाता है और फिर उसका एजेंट बन जाता है क्योंकि यह कश 100 से 1000 और 1000 से 10,000 तक का भी हो सकता होता है। जी हॉं यह वही नशा है जिसे महानगरों में ड्रग्स के नाम से जाना जाता है जिसमें कोकीन,हेरोइन ,ब्राउन शुगर की मात्रा होती है जिसकी मात्रा के हिसाब से पुडिय़ा की कीमत तय होती है किंतु अब यह नशा सिवनी मेें अपने पांव पसार चुका है।
मेडीकल स्टोर्स में दे रहे पर्ची विहीन दवाईयां
उपलब्ध करा रहे है नशीली गोलियां संचालक
नगर में इन दिनों युवा वर्ग को नशे के आदी बनाने में अहम भूमिका मेडिकल संचालकों की मोटी कमाई एवं विभागीय शिथिलिता है। आये दिन नाबालिग युवा वर्ग भी इस नशीली दवाईयों की चपेट में आ रहे है जिन दवाईयों को सरकार द्वारा मेडिकल स्टोर्स में नही उपलब्ध कराया जा रहा है लेकिन अपनी मोटी कमाई के चलते नकली दवाईयों का कारोबार किया जा रहा है। जिसका उदाहरण नगर की सड़कों पर आये दिन नजर आता है। हर रोज नगर के बस स्टैँड में एक नया चेहरा विक्षिप्त रूप में दिखाई देता है।
गरीब तबके के लोग बोनफिक्स सूंघ कर रहे है नशा
कुछ गरीब तबके के लोगों द्वारा बोनफिक्स के द्वारा भी नशाा किया जा रहा है जो कि साइकिल स्टोर्स में उपलब्ध बहुत ही घटिया किस्म का होता है जिस पर विभागीय अधिकारियों ने चुप्पी साधी हुई है। झोपड पट्टीयों में निवास करते है जो अपने घर के लोगों को नशा करते देखते है उन्हे भी नशे की ललत इस हद तक ले जाती है ये नैनीहाल जिनके स्कूल जाने की उम्र होती है वे सुलेशन और बॉनफिक्स को एक कपडे में निकालकर सुंघते है, जिससे इन नैनीहालों से पूछने पर कि ये क्या कर रहे हो तो बताया कि हम तीन चार साल से ये नशा कर रहे है। इससे हमें आराम मिलता है, इसके बगैर हम रह नही सकते एक बार सुंघने के बाद जितना नशा एक बोतल शराब पीने से मिलता है उतना नशा एक बार में मिलता है।
हर गली-कूचे में उपलब्ध है पुडिया,इजेक्शन
नगर में इन दिनों हर मोहल्ले ,पान ठेलों में एक कश की पुडिया उपलब्ध है जो कि अलग-अलग राशि के अनुसार होती है। जिसकी जानकारी विगत दिवस बालाघाट एक्सपे्रस टीम ने पुलिस थाना को दी थी । इसी क्रम में बडे शहरों की अपेक्षा अब छोटे कस्बों के नवयुवक भी शराब के साथ साथ इंजेक्शन के आदि होते जा रहे है इससे इन्हे शुरू में तो काफी आराम मिलता है किंतु बाद में ये बगैर इस नशे के नही रह पाते है। धीरे धीरे यह नशा बढता जाता है आगे चलकर ये लोग इस नशे के चक्कर में अपने घर के बर्तन तक बेचकर नशा करते है, इस तरह एक व्यक्ति की खातिर पूरा घर वरबाद हो जाता है।
हर वर्ग हो रहा आदी
अगर आज शहर में पुडिया पीने वालों की गणना की जाएं तो यह संख्या हजार के ऊपर होगी जिसमें नगर के संभ्रात परिवारों से लेकर एक गरीब मजदूर भी शामिल है अगर प्रशासनिक जांच की यही रफ्तार रही तो इस नशे के आदी नगर के युवाओं की संख्या कई गुना बढ जायेगी अगर जल्दी प्रशासन इस विषय में नही जागा तो हर दूसरे घर में इस नशे का आदी एक व्यक्ति होगा और यह नशा ऐसा है कि परिवार का एक सदस्य अगर इसका आदी हो तो पूरा परिवार इसकी सजा भुगतता है।
समाज सेवक निष्क्रिय - जहां एक तरफ नगर में कई एनजीओ खुले हुए हैं ये खाली नाममात्र के एनजीओं समझ मे आते है जब कि इन समाज सेवी संस्थाओं का ध्यान इन नैनीहाल बच्चों के तरफ एवं नवयुवकों की तरफ इनकों सुधारने हेतु किया जाना चाहिए परंतु इनकी तरफ इन लोगों का ध्यान बिल्कुल नही जाता है ना ही प्रशासन द्वारा इस दिशा में कोई ठोस कदम उठाया जा रहा है यदि यही हाल रहा तो देश का भविष्य का क्या होगा इसका जबाब किसी के पास नही होगा। समय रहते प्रशासन को इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए इन जहरीले पदार्थो पर रोक लगाना होगा अन्यथा ये जहरीली चीजें एक दिन सबकों अपनी जकड में ले लेगा।
ड्रग्स के सबंध में पुलिस प्रशासन के मुख से
इस संबंध में सिवनी थाना कोतवाली मे जानकारी देने पर थाने में उपस्थित एएसआई एम.पी.तिवारी द्वारा बताया गया कि सर्वप्रथम पुडिय़ा को जांच हेतु भेजा जायेगा अगर उसमें कोई नशीले पदार्थ की पुष्टि होगी तभी प्रक्रिया आगे बढ पायेगी। क्योंकि एनडीपीएस एक्ट के तहत आरोपी को आजीवन कारावास तक का प्रावधान है एवं प्रकरण की पुष्टि न होने पर हमें खामियाजा भुगतना पड़ता है। इसी विषय पर वर्तमान कोतवाली प्रभारी सब इंस्पेक्टर विजय तिवारी से बात करने पर उन्होनें कहा कि हमें जो टे्रनिग मिली है उसके अनुसार ब्राउन शुगर सफेद दानेदार पाउडर होता है यह मटमैला पाउडर ब्राउन शुगर है कि नहीं मै नही बता सकता किंतु इस मामले में जांच कर हम आवश्यक कार्यवाही जरूर करेगें ।

1 comment:

Sunita Sharma Khatri said...

इस तरह की गतिविधियों पर रोक अत्यंत आवश्यक है अन्यथा आने वाली पीढी नशे की गुलाम हो जायेगी जो किसी भी सभ्य समाज के लिए शुभ संकेत नही है।