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14.9.08

तो दिल्ली न दहलती

सुरक्षा व्यवस्था चौकस होती
तो फिर दिल्ली न दहलती
न ही 25 लोग गंवाते जान
नेता फिर देंगे घिसे-पिटे बयान
बहाएंगे घडि़याली आंसू
कोई कहेगा ये बेहद अफसोसजनक है
तो कोई कहेगा दुखद है
कोई कहेगा निंदनीय है.

1 comment:

Anonymous said...

जों सुरक्षा ब्यवस्था चौकस होती तो,
पत्रकारों की खुशी कहाँ से आती,
चोकसी के नजारे जो हमने बम फूटने के बाद देखे,
पोलिस और पत्रकार का कन्धा से कन्धा मिलाना
दुनिया इस से महरूम रह जाती.
जय जय भड़ास