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5.5.11

अब मानवता सुकून की साँस ले सकेगी

कुछ दिन पहले भारत में एक महान संत ''सत्य साईं बाबा'' के महानिर्वाण से सारी भारतीय जनता का मन उनके प्रति श्रद्धा से भर गया और आँखें नम हो गयी उनसे बिछड़कर .आखिर क्यों ?केवल इसलिए क्योंकि वे प्रेम का सन्देश देते थे .हर गरीब-अमीर को समान रूप से अपने आशीर्वाद से नवाजते थे .लाखों-करोड़ों के ह्रदय सिंघासन  पर विराजमान कोई ऐसे ही नहीं हो जाता .ऐसी विभूति से बिछड़ना एक त्रासदी ही होती है .अब दूसरी  और द्रष्टि डालिए -अमेरिका में ९/११ की आतंकी घटना में अपनों को खो चुके लोग सड़कों पर निकल आये क्योंकि इस अमानवीय घटना को अंजाम देने वाला ''मानवता ''को कलंकित करने वाला ''ओसामा ''अमेरिकी ख़ुफ़िया  एजेंसी द्वारा मौत के घाट उतार दिया गया था .निश्चित तौर पर अपनों को आतंकी घटनाओं में खोने वालों की आँखों में अब भी आंसू आये होंगे पर ख़ुशी के और एक सवाल भी जहन में उठा होगा -''ओसामा तुम्हे क्या मिल गया हमारी खुशियों में आग लगाकर ?'' यही अंतर है मानवता के प्रति समर्पित साईं बाबा जैसे महान मानव और मानवता को डसने वाले ओसामा जैसे नागों के संसार से विदा होने पर हमारे भावों में .प्रेम और नफरत में ,पाप और पुण्य में ,मानव और राक्षस में .साईं बाबा हमारे मन में सदैव विराजते रहेंगे और प्रेम की ज्योति जगाते रहेंगे .ओसामा के प्रति बस यही  जुबाँ से निकलेगा 'तुम्हारा अंत हो गया अब मानवता सुकून की साँस ले सकेगी .''
                                                        साभार गूगल 

5 comments:

Shalini kaushik said...

sahi vichar rakhe hain aapne shikha ji.aabhar.

Unknown said...

badhiya baat............

अजित गुप्ता का कोना said...

प्रेम और आतंक में यही अन्‍तर है।

तेजवानी गिरधर said...

आपकी बात में दम है

Bharat Swabhiman Dal said...

जब तक कुरान में साम्प्रदायिक आधार पर मानवता को विभाजित करने वाली आयतों का अस्तित्व है तब तक एक ओसामा के मारे जाने से कुछ विशेष न होगा , कुरान की जेहादी प्ररणाएँ ओर ओसामाओं को पैदा कर मानवता को खतरा पैदा कर देगी ।
सुन्दर सार्थक आलेख ...... आभार ।
www.satyasamvad.blogspot.com