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21.5.11

फूलों सी बच्ची को जेल !


फूलों सी  बच्ची   को  जेल  ! 

आज तो एक निवाला भी निगला न जायेगा ;
हर घडी बस बच्ची का ख्याल आएगा ,
फूलों सी मेरी बच्ची;काँटों से भरी जेल ;
ए. सी.में रहने वाली गर्मी को रही झेल ,
एक छोटा सा घोटाला ;इतनी बड़ी सज़ा !
अब राजनीति मुझको लगती है बेमज़ा .
                                        शिखा कौशिक 

3 comments:

Shalini kaushik said...

sateek bhavabhivyakti.badhai

Shalini kaushik said...

sateek bhavabhivyakti.badhai

¥äšħ said...

एक तो जेल हो गयी कानी को और कुर्सी चली गयी सो अलग, अब लगता है लम्बे समय तक चक्की पीसनी पड़ेगी...