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4.11.12

झूठा सच


झूठा सच 

देश में फर्जी आंकड़ो के तहत झूठ फैलाना तथाकथित  शिष्ट लोगो के जीवन का अंग बनता
जा रहा है। सिक्के के एक पहलू  को दिखा कर भ्रम पैदा किया जा रहा है।

आंकड़ा आया देश की 40% फसल उचित व्यवस्था के अभाव में नष्ट हो जाती है 

एक किसान से पूछा गया -आपके पास कितना बीघा खेत है?

उत्तर था- तीन बीघा।

आपके खेत में एक फसल कितने बोरी होती है?

गेंहू बोने पर आठ बोरी।

क्या तुम्हारे पास साधन नहीं होने से तीन बोरी गेंहू नष्ट हो जाता है?

उत्तर था- क्यों मेरा मजाक कर रहे हैं बाबू, मेरी पूरी पैदावार से पांच सेर गेंहू नष्ट हो जाता
है क्योंकि फसल को भरने के बोरे नहीं हैं मेरे पास,अगर बोरे  मिल जाते तो सेर भर भी
खराब नहीं होते।
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एक माली से पूछा गया - आप सब्जी की बाड़ी में सब्जियां उगाते हैं?

उत्तर था -जी,आधा बीघा जमीन पर बाड़ी की है,चार-पांच तरह की सब्जियाँ बोता  हूँ।

आपके पास सब्जियों को मंडी तक ले जाने के पर्याप्त साधन नही होने से आधी सब्जियां
सड़ जाती है ?

माली बोला -बाबू, आधी सब्जी कैसे सड़ने दूंगा? हर दिन बाड़ी की देखरेख करता हूँ,जो
सब्जी पैदा होती है उसे ताज़ी ही साईकिल पर रख कर कस्बे में ले जाता हूँ और बेच
देता हूँ।
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एक फल वाले से पूछा - आपने क्या बोया है।

उत्तर था -चीकू की फसल लेता हूँ।

क्या आपके पास साधन नही होने के कारण चीकू पेड़ पर या खेत में पड़े-पड़े सड़ जाते हैं

उत्तर था -बाबू,आप शहर से आये लगते हैं।पेड़ पर चीकू पका हुआ नहीं पैदा होता।फल को
लगाने और पकने में समय लगता है।हम अधपका चीकू  उतारते रहते हैं और बाजार में
बेचते हैं।अधपका चीकू सप्ताह भर तक खराब नहीं होता है।

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 एक किसान से पूछा -आपने खेत में क्या बोया था ?

उत्तर था- इस बार जीरा लगाया था

क्या जीरे की फसल का उचित भंडारण नहीं होने से जीरा  40% तक सड़ जाता है

उत्तर था-सा,ब, आपको कागजी ज्ञान है व्यवहारिक ज्ञान में कोरे लगते हो।आगे से ऐसा
सवाल किसी से ना करो इसलिए बता देता हूँ कि जीरा सालों तक सड़ता नहीं है।

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हम आगे बढे और एक किसान से पूछा -आपने क्या बोया है
उत्तर था -ग्वार
क्या आपके गाँव में शीत गृह है जिसमे गवार की फसल को रखा जा सके ताकि ग्वार सड़े
नहीं।
उत्तर था -हा-हा-हा- ग्वार दस साल तक भी नहीं सड़ता है बाबू ! मगर तुम ये सब क्यों
पूछ रहे हो !!

मेने कहा -भाई ,सरकार कहती है कि किसान जो उपजाता है उसका 40%भाग साधन
नहीं होने के कारण नष्ट हो जाता है।उसकी उपज नष्ट नहीं हो इसलिए देश को FDI की
आवश्यकता है जो घर बैठे आपकी फसल खरीद लेगी और उचित भाव भी देगी।

उत्तर था- किस सरकार की बात करते हो भाई ,जो किसान को अच्छा बीज और खाद भी
मुफ्त में नहीं दे सकती है ,बीजली का भारी बिल भरवाती है और समय पर बिजली भी
नहीं देती है, रही बात फसल बेचने की तो इतनी समझ तो हम में भी आ गयी है कि खेत
पर फसल नही बेचना है ,उचित भाव बाजार में मिलने तक इन्तजार करना है।

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ये सब सुन कर क्या अब भी रिटेल FDI की जरुरत किसान के लिए महसूस करेंगे ,
देश को गुमराह ना करे।रिटेल में FDI सिर्फ बेरोजगारी उत्पन्न करेगी।पेट दुखता है
माथा दबाने से क्या फायदा ?FDI हर बिमारी का राम बाण इलाज तो नहीं हो सकती है                   
   

2 comments:

Jitender Gupta said...

Ek dam sahi kaha aapne.
Ye sabhi bhartiya janta ko gumrah kar rahe hain.
FDI se kuchh bhi sasta nahi hoga, balki aalishan dukano ke karan aur mahngai aayegi.

Unknown said...

जितेन्द्र जी, आभार।आपने सही कहा है की FDI रिटेल में और अधिक महंगाई लाएगी।FDI विकाश शील देशो में भारी भरकम नफा कमाने ही पदार्पण करती है ,ये कोई सामाजिक संस्थाये नहीं है इनका उद्देश्य मुनाफा बटोरना है।जब इन्हें इनके घर में ही धक्का दिया जा रहा है तो हम इनका बोझ अपने सर पर क्यों उठायें ?मुनाफा बटर कर सस्ता देना का मतलब क्या समझा जाए या तो ये शोषण करेगी या फिर करोड़ो लोगो की रोटी छीन कर कुछ भारतीय
को देगी और अधिकाँश खुद ले जायेगी।