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13.2.08

खुदा के वास्‍ते कोई मुंबई को बचा लो

मुंबई में रहते हुए दो साल होने को आए लेकिन आज पहली बार लग रहा है कि यार गलत शहर में गलत लोगों के बीच में फंस गया हूं। जिस शहर को सरकार विदेशों के तर्ज पर विकसित करने की योजनाएं बनाती है, उसी शहर में सिर्फ इस आधार पर हिंसा हो रही है कि फलां फलां राज्‍य का है। दिल्‍ली में जैसे बिहारी शब्‍द एक गली बन चुका है। ऐसे ही मुंबई में भैया भी गाली है। बताईए इस शहर में कैसे रहा जाए। पिछले कुछ दिनों से एक बार फिर से यह शहर हादसे की चपेट में है। इस बार के हादसे के लिए जिम्‍मेदार करीब दो साल पहले बनी महाराष्‍ट्र नवनिर्माण सेना के प्रमुख राज ठाकरे एंड पार्टी है। जिंदादिल शहर और केंद्र सरकार को सबसे अधिक टैक्‍स कर देने वाला शहर फिलहाल एक अजीब से तनाव से गुजर रहा है। लेकिन मुझे पूरी उम्‍मीद है कि इस शहर एक बार फिर पुरानी बातों को भूलकर अपने पुराने रंग में आ जाएगा। और मैं फिर से अपने आपको मुंबईकर मान पाऊंगा

1 comment:

navneet said...

in netavo ne to.....
dharti bati amber bata, bat diya insan ko.
mandir bata, masjid bati bat fiya bhagvan ko. ye sale kisi ko chyen se nahi rahne denge.