शांति व्यवस्था,भंग होने की आशंका ,दंगे फसाद का डर, या कि आप भी तुष्टि करण की राह पे चल निकालें हैं श्री मान ...! आप किस बात से भयभीत हैं जो कि आप श्रीमान ने अभिव्यक्ति को प्रतिबंधित करने का फरमान जारी कर दिया । जी हाँ मैं "जोधा-अकबर "पर लगाई रोक पर ही बात कर रहा हूँ, म० प्र० सरकार को चिंता है होनी भी चाहिए किन्तु इस तरह के किसी भी निर्णय के पहले सरकारें ये सोच लें की क्या :-"अमन-चैन कायम है " ।
इस ध्वज की क़सम आप इस बात की सूचना मिलनी ज़रूरी कि आपके लोग कितनों की मातृ-भगनी अलंकरण में व्यस्त हैं...!!
भाई-साहब आपके दिल में जो भय है वो उसे " वोट-व्यवस्था-भंग" होने का भय कहा जा सकता है ।
"वन्दे-मातरम !!"
27.2.08
शांति-व्यवस्था भंग होने का अंदेशा
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