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27.2.08

नमस्कार

बहुत सुना था भड़ास के बरे मे आज मौका मिला तो दर्शन कर लिया लगे हाथ भाडासी भी बन गया । साथी लोग नमस्कार स्वीकार करें
जय भडास

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

मुक्तिनाथ जी ,आपका हार्दिक स्वागत है आइए और साहस करके सहज सरल भावुक लोगों की जमात में शामिल होकर बौद्धिक भूसे की जुगाली करने वालों की ऐसी तैसी करिए.....
जय जय भड़ास