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29.2.08

सभी भड़ासियों को गोली मार दो

सभी भड़ासियों को गोली मार दो
बहुत हो गया। नाक के ऊपर से पानी बहने लगा है। अब बस। अभी नही तो कभी नही। सभी भड़ासियों के ब्लाग को प्रतिबंधित कर दो। न रहेगी बांस न बजेगी बांसुरी। और हाँ, हो सके तो उनके मां-बहन को गलियां दो। मन न भरे तो जहाँ मिले भड़ासियों को गोली मार दो।
इसके लिए यशवंत जी को सभी भड़ासियों के नाम सार्वजनिक करने चाहिए। दो लोगों के लड़ाई में पूरा जमात शामिल है। समस्या का समाधान मत खोजो। सभी हनुमान के वंशज हैं। बूटी तो ला नही सकते पहाड़ ही उठा लायेंगे। ये बही लोग हैं, जो बातचीत से समस्या का समाधान नही करेंगे बल्कि गाँव से अपने भाइयों को खदेड़ कर ही मानेंगे।
मन की पिछले कुछ दिनों से मनीषा जी को लेकर जो लिखा गया, उसमे ग़लत था। इस का मतलब यह नही की मैं भड़ास या मनीषा जी का वकालत कर रहा हौं। मुझे इस मामले से कोई लेना देना नही है। लेकिन जब विभीषण घर में पैदा हो को रावन को मरने से कौन बचा सकता है। यही बात भड़ास को लेकर है।
बताते चलूं मोहल्ला हो, टूटी- बिखरी हो या भड़ास सभी को मोडरेट करने वाले एक अच्छे दोस्त हैं, बेवकूफ बन रही है तो मनीषा और पूरी ब्लागर दुनिया।

2 comments:

Sanjeet Tripathi said...

अंतिम लाईन मेरे अनुमान के काफी आसपास है, मुझे सही लग रही है!!

Ashish Maharishi said...

विनीत बॉस। भड़ाव बनाम मोहल्‍ला की इस जंग ने दिल दुखी कर दिया है