रात भर सोचता रहा। फिर तो भड़ास नाम से एक न्यूज चैनल भी होगा। जिस अंदाज में लिखते हैं, उसी अंदाज में अपन भड़ासी लोग समाचार पढ़ेंगे, लाइव। सामने दारू के पैग रखे रहेंगे। पीते रहेंगे, गरियाते हुए समाचार पढ़ते रहेंगे। अगर किसी नेता की न्यूज होगी तो बिना शुरू में माधड़चोद लगाये उसका नाम नहीं लेंगे। अगर किसी पार्टी की न्यूज होगी तो बिना चूतियों की फौज कहे, उस पार्टी का नाम नहीं लेंगे। किसी बुद्धिजीवी की न्यूज होगी तो बिना उसे फरजीजीव कहे उसका नाम नहीं लेंगे। हां, अपन लोग जैसा कोई भाई बंधु, पियक्कड़, देहाती, भिखारी, ठलुआ, आलसी, कुक्कुर, गरीब, सहज, सरल...टाइप लोगन का न्यूज होगा तो उसे जय जय कहते हुए पढा व दिखाया जाएगा।
और मालूम हैं, एंकर किस तरह बदलेंगे। जिस साले की पीते पीते जबान लड़खड़ाने लगेगी, उसे तुरंत पीछे खड़े तीन भड़ासी कांख में हाथ डालकर टांग लेंगे और दर्शकों से यह कहते हुए दो मिनट शांति से बैठे रहने की अपील करेंगे कि इस साले ने ज्यादा पी ली है, इसे जरा अभी इस न्यूज रूम के बार में बिठाकर आते हैं, ताकी बाकी बची भड़ास वहीं निकाल ले। और इतना कहने के साथ ही सभी भड़ासी नारे लगाते हुए व अंगूठा दिखाते हुए उस नशे में आ चुके टल्ली एंकर को घसीटते हुए ले जायेंगे कि अगर फिर भी कुछ बची रह गई हो भड़ास तो हे दर्शकों आइये, हमारे न्यूज चैनल के बार रूम में, यहां खबरें पढ़ी नहीं बल्कि बनाई जाती हैं। यहां बार रूम में हो रहे लाइव में नेता बैठे रहते हैं और दर्शक उन्हें खुली गालियां देकर लतिया सकते हैं।
तो भइया...ऐसी ढेरों कल्पनायें इसलिए कर रहा था कल रात में क्योंकि कल शाम को एक खबर बड़े विस्तार से व काफी मन लगाकर पढ़ ली थी। खबर ये कि जिस तरह आज कोई भी ब्लाग बनाकर अपने हिसाब से माका नाका कर सकता है, उसी तरह अब आनलाइन 24आवर टीवी चैनल कोई भी खोल सकता है, उतने ही आसान तरीके से, तीन स्टेप में जितने में आज आप ब्लाग बना लेते हैं।
आज इंटरनेट प्रोटोकाल (आईपी) टीवी की जो शुरुआत, बात है, वो बस कुछ ही दिनों बाद, एक ऐसी क्रांतिकारी घटना होगी कि यू समझो कि आज जैसे ब्लाग को लिख लिख कर चलाया जा रहा है, उसी तरह आनलाइन माध्यम में लाइव टीवी चैनल होंगे जिन्हें विजुवल के जरिये चलाया जायेगा। और मालूम है, सबसे ज्यादा विजुवल भड़ास के पास होंगे, जिस तरह आज सबसे ज्यादा सदस्य भड़ास के पास हैं......
सोचिये, आप भी कल्पना करिये, भड़ास का चौबीसों घंटे लाइव आनलाइन टीवी चैनल जब साल भर शुरू होगा तो उसमें किस किस तरह के प्रोग्राम होंगे और किस किस तरह के न्यूज आइटम होंगे......मैं जो सोच रहा हूं उसमें एकाध अंश उपर लिखकर आपसे शेयर किया.....।
जय भड़ास
यशवंत
18.2.08
भड़ास लाइव शो में स्वागत है, यहां आप नेता को लतिया सकते हैं !!!
Posted by यशवंत सिंह yashwant singh
Labels: आनलाइन टीवी, कल्पना, टेक्नोलजी, भड़ास, सीन
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2 comments:
ekdm mst khyal hai bhai sab , jroor...aisa kuchh ho kr rhega
दादा, हर रोज़ एक नयी धूम रिलीज होगी भड़ास पर....
कुछ कमजोर लोग खुशी से मर न जाएं इसलिए ऐसी विचार फ़ुटकर में बताया करिए
जय जय भड़ास
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