Bhadas ब्लाग में पुराना कहा-सुना-लिखा कुछ खोजें.......................

9.7.08

स्वस्थ करूणाकर चला अपने गांव

डॉक्टर रुपेश की दवा और भड़ासियों की दुवावो से स्वस्थ होकर करूणाकर अपने गांव जीजिरामपुर के लिए बुधवार की शाम कैफिअत एक्सप्रेस से रात के ७ बजकर २० मिनट पर अयोद्यया के लिए रवाना हो रहा है। वो काफी हद तक आराम में है. उसके घर वाले अपने बेटे का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं. उसकी खुशी का अंदाजा इसी बात से लगाया हा सकता है की वो बहुत से भडासी भाइयों का आभार व्यक्त करना चाहता है. कई लोगों ने उसे कॉल करके उसका हालचाल लिया. वहीं दूसरी और डॉक्टर साहब उससे लगातार सम्पर्क में हैं. करूणाकर को मुख्यमंत्री के कोटे से आर्थिक मदद दिलवाने के लिए बहुत से लोग प्रयास रत हैं. उम्मीद की जा सकती है उसके परिवार को मुख्यमंत्री के तरफ़ से जल्द ही कुछ आर्थिक मदद मिलेगी. भाई महावीर लगातार इस प्रयास को कर रहे है. वैसे अभी भी कुछ और धन की उसके अकाउंट में ज़रूरत है जो डॉक्टर साहब को भेजवाना है. पर लोग अभी भी करूणाकर के अकाउंट में जिस तरह से रूपये ट्रान्सफर कर रहे है. उससे ये मुश्किल भी आसान हो जायेगी.
अमित द्विवेदी

5 comments:

Anonymous said...
This comment has been removed by the author.
Unknown said...

amit ji paise ki chinta na karen.
karunakaran ke sath sabhi khade hain.
Mahabir Seth. jalandhar

हिज(ड़ा) हाईनेस मनीषा said...

अमित भाई, मेरे बच्चे करुणाकर के स्वस्थ होने में कोई संदेह नहीं रह जाता हम सबका प्रेम उसके साथ है और फिर हमारे भाईसाहब हैं न उन्होंने तो मुझे लगता है कि ईश्वर से सांठगांठ कर रखी है, जिसे चाहें खुशियों का अनलिमिटेड कोटा दिला देते हैं। हरेक के लिये मदद को हमेशा आगे फिर चाहे वह दवा करना हो या कम्यूटर सिखाना या लड़ाई-झगड़ा करना.... आप तो जान गये अब, है न?

अमित द्विवेदी said...

aap sahee bol rahee hain deedi. mujhe ek cheez samajh me nahee aataa ki aur log aisa banane ki koshish kyun nahee karte. but u know dee aapka unse judaw dekhkar mujhe bahut achha lagta hai

Anonymous said...

अमित भाई,
बढ़िया जानकारी दी है, आनंदित हुआ और आशान्वित भी नयी दिशा के लिए. करुनाकर जल्द से स्वस्थ्य लाभ करे ये भड़ास परिवार कि कामना और डॉक्टर साब के बारे में "No Coments". क्योँकि डॉक्टर साब लिखने लायक हैं ही नही. माफ़ करियेगा क्यूंकि जो करते हैं उनमें से हैं आप जिन्हें छपास रोग दोनों तरफ़ से नही लगा है. ना ही लिखने वाला ना ही छपने वाला. और हाँ समयाभाव में कुछ रोचक भडास विवरण में अभी नही दे पा रहा हूँ. जल्दी ही सब मिलेगा.
रही बात कुछ और जुगाड़ कि तो उम्मीद कि किरण जलाये रखिये मुठ्ठी हैं हम, राह आसान ही रहेगी
जय जय भड़ास