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12.2.08

क्या अब खुन्नस उतर जायेगी?

मीडिया ने पिछले दिनों राज ठाकरे कि पार्टी के गुंडों कि गुंडागर्दी से जुडी खबरे खूब दिखाई और बताया कि किस तरह महाराष्ट्रा में रहने वाले बिहारियों और उत्तर प्रदेश वालों पे जुल्म हो रह है, लिकिन ये खबरें दिखने वालों को क्या सच में लगता है कि हालात इतने बदतर थे? टक्सी तोड जाने के एक ही द्रश्य को इतनी बार दिखया कि न जाने कितनी तक्सियाँ तोड़ दी गयी हो ऐसा करके मीडिया ने ठाकरे जैसे लोगों का फायदा ही किया है|इस पूरे मामले में मीडिया ने ठाकरे कि सेना के लीए प्राण वायु का काम किया है अगर ठाकरे के सैनिको कि गुंडागर्दी को मीडिया न दिखता तो शायद प्रचार के आभाव में ये गुंडागर्दी जल्दी ही थम जाती अब दादर मे चार गुंडों ने बिहारिओं को पीटा है अगर ये खबर न फैले तो भला नागपुर मे ठाकरे के समर्थकों मे भी ऐसी हरकत करने का जोश कहाँ से आएगा? और मीडिया के ज्यादा गुस्से कि एक और वजह समझ आती है कि मीडिया में भी अब उस तबके कि संख्या ज्यादा है जो मुम्बई में ठाकरे कि सेना का शिकार बन रहे है अब इसमे कितनी हकीकत है ये तो मीडिया मी स्थापित लोग बेहतर जानते होंगे मैं तो अभी घुसने का प्रयास कर रह हूँ |पर एक बात तो मेरी समझ मैं आती हे कि मुद्दों को तूल मीडिया देता है और कैसे दिया जाता है ये सिखने का मैं प्रयास मैं कर रह हूँ क्योंकि मेरा लक्ष्य भी तो वहि पहुँचना है पर अब ठाकरे कि गिरफ़्तारी के बाद मीडिया कि भी खुन्नस उतर जायेगी और मीडिया को लेक्कर मेरे मन मी जो खुन्नस थी वो भी ये लेख लिखने के बाद उटर जायेगी ऐसी उम्मीद करता हूँ|

1 comment:

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

फ़सादी भाई,जितनी खुन्नस हो निकाल लीजिए अगर कुछ बची रह गई हो तो चूकना मत जब तक पूरी न निकल जाए । इसके बाद दूसरी बात पर नाराज हो जाओ तो जरूर पधारना ,हल्का महसूस करोगे....
जय जय भड़ास