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7.5.08

बधाई

भड़ास का लोकप्रिय होना अच्छा लग रहा है...... आपकी मेहनत सफल हो रही है
बधाई

4 comments:

Asha Joglekar said...

अच्छा लगा बुराई की इतनी अच्छाइयाँ जानकर।

डॉ.रूपेश श्रीवास्तव(Dr.Rupesh Shrivastava) said...

आशा जी ,बुराई और अच्छाई तो बस सापेक्ष ही हैं; न तारीफ़ से फूल कर कुप्पा होते हैं और न ही निंदा से निराश ,बस सीखते चलते हैं कि बेहतर जीवन के आदर्श कैसे हों...
तुम्हाला मराठी कळतय का?

Anonymous said...

संजीव भाई,

धन्यवाद.

और आशा जी आपको भी, वैसी रुपेश भाई ने कह ही दिया है सब कुछ वैसी भी हमें ना परवाह है बुरे की ना अच्छे, बस कह देनी है दिल की बात. अच्छी लगे तो ठीक ना लगे तो हमें गाली देकर दो रोटी हमारे नाम की ज्यादा खा लेना. क्या करें भडासियौं की शकल ही टेढी है सच उगल देते हैं.

जय जय भडास

VARUN ROY said...

संजीव जी और आशा जी ,
आपलोगों को आपकी सहृदयता के लिए धन्यवाद . बड़ा संतोष हुआ कि साफगोई की क़द्र करने वाले अभी कम नहीं हुए हैं.
वरुण राय